Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2022 11:33 PM
सेब बागवानों की मेहनत की कमाई डकारने वालों की खैर नहीं होगी। करोड़ों के इस गड़बड़झाले में कृषि विभाग और कृषि उपज मंडी समिति (एपीएससी) की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है। सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच से पता चला है कि कई फर्मों...
शिमला (रमेश सिंगटा): सेब बागवानों की मेहनत की कमाई डकारने वालों की खैर नहीं होगी। करोड़ों के इस गड़बड़झाले में कृषि विभाग और कृषि उपज मंडी समिति (एपीएससी) की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है। सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच से पता चला है कि कई फर्मों ने बिना लाइसैंस के ही करोड़ों का कारोबार किया। इसमें दोनों संस्थानों के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। अब सीआईडी जांच के आधार पर इन पर भी कार्रवाई संभव है। अधिकारियों ने मौके पर जाकर आढ़त को चैक तो किया पर कोई कार्रवाई नहीं की। इन दोनों के पास एपीएमसी एक्ट में नियमों की उल्लंघना करने वाले आढ़तियों पर कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया, ऐसे 8 से 10 मामले सीआईडी के ध्यान में आए हैं। बागवानों की शिकायतों के आधार पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जेजेएफ ट्रेडर फर्म ने भी बिना लाइसैंस के कारोबार किया। अब तक की जांच के अनुसार 10 से 15 करोड़ का कारोबार हुआ। फर्म दिल्ली की जबकि सेब का कारोबार शिमला के नारकंडा में किया। एपीएमसी ने करीब डेढ़ लाख की ही वसूली की है। यह कारोबार करने की तुलना में कहीं कम है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी बिना लाइसैंस के चलाई आढ़त बंद नहीं करवाई।
200 बागवानों का पैसा हड़पा
इसी फर्म पर आरोप है कि इसने लगभग 200 बागवानों का पैसा हड़पा है। यह धोखाधड़ी वर्ष 2021 में हुई है। पहले से आढ़ती लारे लप्पे देता रहा। बाद में पैसे देने से साफ इंकार कर दिया। सेब बागवानों के साथ धोखाधड़ी मामले को संयुक्त किसान मंच के मौजूदा सह संयोजक संजय चौहान ने प्रमुखता से उठाया था। तब उन्होंने अपने संगठन के माध्यम से सबसे पहले मुद्दा उठाया था। चौहान का कहना है कि सीआईडी बेहतर कार्य कर रही है लेकिन हर साल होने वाली धोखाधड़ी नहीं थम पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को एपीएमसी एक्ट 2005 को प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए।
शिकायतों का त्वरित आधार पर करवाया जा रहा निपटारा : वीरेंद्र कालिया
एसपी सीआईडी एवं एसआईटी प्रमुख वीरेंद्र कालिया ने बताया कि सेब बागवानों से जुड़े धोखाधड़ी मामलों की शिकायतों का त्वरित आधार पर निपटारा करवाया जा रहा है। दर्ज मामलों की तेजी के साथ जांच आगे बढ़ाई जा रही है। अगर आरोपियों ने रिकवरी नहीं दी तो फिर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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