अब हिमाचल के इस गांव में शादी समारोह में नहीं परोसी जाएगी बीयर, नहीं तो होगा इतना जुर्माना

Edited By Jyoti M, Updated: 29 Jan, 2025 04:34 PM

beer will not be served in wedding ceremonies in this village

चंबा जिले के जनजातीय उपमंडल पांगी की ग्राम पंचायत लुज के वार्ड-एक, विष्ठाओं वनवास ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गांव में अब शादी एवं अन्य समारोहों में डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित...

हिमाचल डेस्क। चंबा जिले के जनजातीय उपमंडल पांगी की ग्राम पंचायत लुज के वार्ड-एक, विष्ठाओं वनवास ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गांव में अब शादी एवं अन्य समारोहों में डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही, किसी भी समारोह में बीयर परोसने पर भी रोक लगा दी गई है।

इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। गांव में लगभग 60 परिवार रहते हैं, जिन्होंने इस निर्णय का समर्थन किया और इसे सख्ती से लागू करने का संकल्प लिया। यह निर्णय हाल ही में हुई प्रजामंडल की बैठक में लिया गया, जिसमें स्वच्छता अभियान, नशामुक्ति और जंगलों में फलदार पौधे लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

प्रजामंडल के अध्यक्ष अमित कुमार, जो कि स्नातक हैं, ने बताया कि डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी नुकसानदायक है। प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ नष्ट नहीं होते, जिससे प्रदूषण फैलता है। इसलिए, सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया कि हर परिवार शादी या अन्य आयोजनों में डिस्पोजेबल सामग्री के बजाय स्थायी बर्तनों का उपयोग करेगा। बर्तन खरीदने के लिए 1.46 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी सभी परिवारों को राहत मिलेगी।

इसके अलावा, प्रजामंडल ने गांव में नशामुक्ति अभियान को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत, शादी और अन्य समारोहों में बीयर परोसने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस निर्णय से सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी और युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।

गांव में स्वच्छता अभियान को भी प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। सभी परिवारों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखें। इसके अलावा, जंगलों में फलदार पौधे लगाने की योजना भी बनाई गई है, जिससे जंगली जानवरों को प्राकृतिक आहार मिल सके और वे गांव की ओर न आएं। इससे वन्यजीवों और मानवों के बीच होने वाले संघर्षों में कमी आएगी।

इन कार्यों की निगरानी के लिए कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें अमित कुमार अध्यक्ष, राजकुमार सचिव, राजकुमार कोषाध्यक्ष और जयसिंह मुख्य सलाहकार बनाए गए। लक्ष्मण सिंह, हेमराज, पानसिंह, लाल सिंह, हामम सिंह, हरि सिंह तथा अजित सिंह सदस्य होंगे। यह कमेटी सुनिश्चित करेगी कि सभी निर्णयों का पालन सख्ती से किया जाए और जो भी उल्लंघन करेगा, उसे दंडित किया जाए।

प्रजामंडल एक पारंपरिक सामाजिक संगठन है, जो गांव के विकास और सामुदायिक हितों की रक्षा के लिए कार्य करता है। जब किसी गांव में परिवारों की संख्या कम होती है, तो दो या तीन गांवों को मिलाकर एक प्रजामंडल का गठन किया जाता है। यह संगठन समुदाय की भलाई के लिए आवश्यक निर्णय लेता है और उनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उठाता है। 
विष्ठाओं वनवास का यह निर्णय एक प्रेरणादायक कदम है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक सुधार और जागरूकता भी लाएगा। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!