Edited By Vijay, Updated: 20 Jun, 2024 03:20 PM
धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले बैजनाथ मंदिर रेलवे स्टेशन को रेलवे विभाग द्वारा बंद किए जाने के फरमान से यात्रियों व श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
बैजनाथ (पपरोला) (गौरव): धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले बैजनाथ मंदिर रेलवे स्टेशन को रेलवे विभाग द्वारा बंद किए जाने के फरमान से यात्रियों व श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। विराेधाभास की स्थिति यह है कि विभाग की रेलवे यात्री भाड़ा सूची में बैजनाथ मंदिर का नाम दर्ज है, मगर पिछले लंबे अंतराल से बैजनाथ मंदिर रेलवे प्वाइंट पर रेलगाड़ियां नहीं रुक रही हैं। उल्लेखनीय है कि अंग्रेजों के जमाने में इस रेलमार्ग पर जबसे रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ है तब से इस स्टेशन पर रेलगाडियां रुकती रही हैं, जिसे अब बंद कर दिया गया है।
विश्वविख्यात शिव मंदिर बैजनाथ के साथ बीड़ बिलिंग, महाकाल रमणीय व धार्मिक स्थलों को निहारने के लिए पर्यटक इस स्टेशन का उपयोग करते थे जोकि वर्तमान में बंद पड़ा हुआ है। पर्यटकों को पपरोला रेलवे स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर का पैदल सफर कर बैजनाथ शिव मंदिर पहुंचने को मजबूर होना पड़ रहा है। हैरिटेज दर्जा प्राप्त ये रेलमार्ग ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी, मां चामुंडा, ब्रजेश्वरी देवी जैसे शक्तिपीठों के यात्रियों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हुआ है।
तकनीकी तौर पर देखा जाए तो जोगिंद्रनगर से बैजनाथ पपरोला रेलवे स्टेशन तक आने व जाने वाले लोको पायलट इस रेलवे स्टेशन को अहम मानते हैं क्योंकि वह यहां इंजन की पावर ब्रेक व बैक्यूम को चैक करते हैं। हैरानी की बात है कि कांगड़ा जिला को एक तरफ पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने की कवायद लिखी जा रही है तो दूसरी ओर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अहम माने जाने वाले बैजनाथ मंदिर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया है जोकि किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं है। लोगों ने रेलवे विभाग से बैजनाथ मंदिर रेलवे स्टेशन का पुन: खोलने की मांग की है।
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