बारिश व ओलावृष्टि से सेब और नकदी फसलें तबाह, कृषि-बागवानी को 146 करोड़ का नुक्सान

Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2023 11:25 PM

apple and cash crops destroyed by rain and hailstorm

सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश व ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। उपरी शिमला के कई क्षेत्रों में आधा घंटे से भी अधिक समय तक ओलावृष्टि होती रही। इससे सेब सहित मटर, टमाटर, फूलगोभी को भारी नुक्सान हुआ है। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि इतनी भयंकर हुई है कि...

गोहर/शिमला (ख्यालीराम/संतोष): सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश व ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। उपरी शिमला के कई क्षेत्रों में आधा घंटे से भी अधिक समय तक ओलावृष्टि होती रही। इससे सेब सहित मटर, टमाटर, फूलगोभी को भारी नुक्सान हुआ है। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि इतनी भयंकर हुई है कि सेब के पौधों की टहनियां तक क्षतिग्रस्त हुई हैं। सेब के दाने भी पौधों से झड़ गए। जिला शिमला के फागू, कुफरी, भेखलटी के अलावा करसोग के कई क्षेत्रों में ज्यादा ओलावृष्टि हुई जबकि चौपाल उपमंडल के थरोच, मंधराणा, पडराणा, पौड़िया, कुताह आदि में जमकर ओले गिरे। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि इतनी भयंकर थी, जिससे सेब के पौधों की टहनियां तक क्षतिग्रस्त हो गईं। सेब के दाने भी पौधों से झड़ गए। 

मंडी जिला के सराज की उपतहसील छतरी के अंतर्गत आने वाली पंचायतों छतरी, मेहरीधार, काकड़ाधार तथा बरयोगी में सोमवार रात हुई ओलावृष्टि से बेमौसमी सब्जियां, सेब, गेहूं और अन्य फलदार फसलें तबाह हो गई हैं, जिससे किसानों-बागवानों को लाखों रुपए का नुक्सान हुआ है। सनोर इलाका की ग्राम पंचायत बांधी के गांव थुआरी, कांडा, ढंगवाच व शाला, ग्राम पंचायत कोट-ढल्यास के गांव पिऊन,स्नोड, पब, कोट-खमराधा, कबडय़ाना व भटवाड़ी में बारिश व ओलावृष्टि के कारण सेब, गंदम व मटर की 70 प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है। 

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पहली अप्रैल से 4 जून तक जारी प्री-मॉनसून की बारिश के नुक्सान के आंकड़ों के तहत कृषि व बागवानी विभाग को 146.09 करोड़ की चपत लग चुकी है। इसमें कृषि क्षेत्र को 54.92 करोड़, बागवानी क्षेत्र को 91.17 करोड़ का नुक्सान हुआ है। किन्नौर, कुल्लू व लाहौल-स्पीति में कृषि और लाहौल-स्पीति में बागवानी क्षेत्र में नुक्सान नहीं हुआ है। उधर बीते रोज कुल्लू और गुशैणी के कई इलाकों में ओले गिरे। इससे पलम,सेब, नाशपाती और अन्य फलों को भी नुक्सान पहुंचने से बागवान बैकफुट पर आ गए हैं। वहीं, खेतों में खड़ी अन्य फसलों को भी नुक्सान हुआ है। सेब बाहुल्य सराज क्षेत्र में हर साल सेब और अन्य नकदी फसलों का 8 से 10 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता रहा हैै। मौसम विभाग के निदेशक सुरिंद्र पाल ने बताया कि 8, 9 व 10 जून को मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क, मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में इन तीन दिनों एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा/हिमपात हो सकता है। 11-12 जून को भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश के आसार है। 

उधर, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में बेमौसमी वर्षा के कारण हो रहे नुक्सान की रिपोर्ट सभी जिलों से मांगी गई है। जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद उसका आकलन करके केंद्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि प्रभावित किसान-बागवानों को राहत प्रदान की जा सके।     

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