ऊना के 76 वर्षीय किसान का कमाल, 46 डिग्री तापमान में उगा दी सेब की फसल

Edited By Vijay, Updated: 31 May, 2024 05:01 PM

amazing feat of 76 year old farmer of una

जिला ऊना में 46 डिग्री तापमान और 76 वर्षीय किसान ने सेब उगा दिए। जी हां, ऐसा कमाल त्यूड़ी (ऊना) के किसान गुरदयाल चंद ने किया है।

ऊना (मनोहर लाल): जिला ऊना में 46 डिग्री तापमान और 76 वर्षीय किसान ने सेब उगा दिए। जी हां, ऐसा कमाल त्यूड़ी (ऊना) के किसान गुरदयाल चंद ने किया है। गर्मियों के मौसम में मैदानी क्षेत्र खूब तपते हैं। ऊना जिला में भी गर्मियों के मौसम में अधिकतम तापमान इस बार पिछले सभी रिकाॅर्ड ध्वस्त कर रहा है, ऐसे में यहां सेब उगाना कोई आसान काम नहीं है। इतनी भयंकर गर्मी में यहां सेब की पैदावार देखकर हर कोई हैरान है। जब भी हम सेब की बात सुनते हैं तो मन में यही आता है कि सेब का उत्पादन तो ठंडे क्षेत्रों में होता है। इसके विपरीत त्यूड़ी के गुरदयाल चंद ने भयंकर गर्मी में सेब उगाकर सभी को आश्चर्यचकित किया है। गुरदयाल चंद द्वारा लगाए गए सेब का स्वाद चखने के लिए ऊना जिला के साथ-साथ अन्य स्थानों से भी लोग पहुंचने लगे हैं।
PunjabKesari

वर्ष 2019 में लगाए थे सेब के पौधे
गुरदयाल चंद पुत्र बसंत राम ने बताया कि वर्ष 2019 में उन्होंने त्यूड़ी में अपने घर के नजदीक खेत में सेब के पौधे लगाए थे। अपने बगीचे में उस समय उन्होंने करीब 60 पौधे लगाए थे। इसके बाद और भी पौधे लगाए गए और अब उनके बगीचे में सेब के पेड़ों की संख्या 100 हो गई है। वह सेब के पौधों को ऑर्गेनिक खाद ही देते हैं। वर्ष में 2 बार अक्तूबर व मार्च माह में पौधों को खाद लगाई जाती है। गुरदयाल चंद ने बताया कि मार्च माह में सेब के पौधों में फल लगना शुरू हो जाता है। इसके बाद मई माह के अंतिम सप्ताह में सेब तैयार हो जाता है और 15 जून तक यह फल चलता है। उनके बगीचे में सेब की बिक्री शुरू हो चुकी है। सेब के लिए लोग सीधा उनसे संपर्क कर रहे हैं।

गर्मी में सेब को बचाना कोई आसान काम नहीं
गुरदयाल चंद ने कहा कि इस वर्ष जिला ऊना में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक गर्मी पड़ रही है। इस बार उन्हें सेब के पौधों को अधिक पानी देना पड़ रहा है। गर्मी का असर सेब की पैदावार पर भी पड़ रहा है। पौधों को सिंचित करने के लिए उन्होंने ट्यूबवैल लगाया हुआ है। पौधों तक पानी पहुंचाने के लिए स्प्रिंकलर लगाए हुए हैं। गर्मी में सेब को बचाना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सेब के बगीचे को पक्षियों से बचाने का विशेष रूप से प्रबंध किया गया है। पूरे बगीचे को जाल से ढका हुआ है। गुरदयाल चंद ने बताया कि पिछले वर्ष उनके बगीचे से काफी सेब निकला था। इस वर्ष भी पैदावार अच्छी है। उन्होंने कहा कि जब सेब लगना आरंभ होता है तो उस समय पक्षी काफी नुक्सान पहुंचाते हैं। पक्षियों से बचाने के लिए उन्हें पूरे बगीचे को जाल से ढकना पड़ा है।

सेब का सारा पैसा धार्मिक कार्य में करूंगा दान
गुरदयाल चंद ने बताया कि उन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा ग्रहण की हुई है और वह एजी ऑडिट (पंजाब) चंडीगढ़ से सेवानिवृत्त हैं। वर्ष 2008 में जब वह सेवानिवृत्त हुए तो उन्होंने यहां आकर सब्जी की दुकान भी की लेकिन वह कुछ हटकर करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इस बगीचे के सेब का एक रुपया भी वह अपने हित में खर्च नहीं करेंगे। यहां सेब के बगीचे से जो भी आय होगी उसे धार्मिक कार्य के लिए दिया जाएगा।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
 

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!