कुल्लू की लगघाटी: प्रकृति और रोमांच का संगम, पर्यटकों के लिए बना नया स्वर्ग

Edited By Jyoti M, Updated: 19 May, 2025 01:05 PM

a confluence of nature and adventure a new paradise for tourists

हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत कुल्लू घाटी में एक नया पर्यटन स्थल तेजी से अपनी पहचान बना रहा है – लगघाटी। मनाली और बंजार जैसे प्रसिद्ध स्थलों के बाद, लगघाटी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत कुल्लू घाटी में एक नया पर्यटन स्थल तेजी से अपनी पहचान बना रहा है – लगघाटी। मनाली और बंजार जैसे प्रसिद्ध स्थलों के बाद, लगघाटी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। घने जंगल, चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग मार्ग और शांत कैंपिंग साइटें इस घाटी को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती हैं।

लगघाटी में प्रकृति ने अपना खजाना खुलकर लुटाया है। यहां कई मनमोहक दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें मठासौर झील, बड़ासौर झील और रहस्यमयी डायनासोर झील प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, गोरुडुग और अलवर नाला के झरने अपनी प्राकृतिक छटा से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। शांत और प्रदूषण रहित वातावरण के साथ-साथ यह घाटी साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य है।

यहां आने वाले पर्यटक न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं, बल्कि विभिन्न रोमांचक गतिविधियों में भी भाग ले सकते हैं। ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यहां कई चुनौतीपूर्ण रास्ते मौजूद हैं, जो घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ों से होकर गुजरते हैं। कैंपिंग के लिए शांत और सुरम्य स्थल उपलब्ध हैं, जहां रात को तारों भरे आसमान के नीचे प्रकृति की गोद में आराम करने का अनुभव अद्भुत होता है। लगघाटी में पर्यटकों के ठहरने के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, जिनमें विश्राम गृह और होटल शामिल हैं। तिऊन गांव से आगे बढ़ने पर घने जंगलों का अनुभव और भी रोमांचक हो जाता है। इसके अलावा, यह घाटी धार्मिक महत्व भी रखती है। यहां भागासिद्ध मंदिर और दरपोईन मंदिर जैसे कई प्राचीन धार्मिक स्थल स्थित हैं, जहां पर्यटक दर्शन के लिए जा सकते हैं। लगघाटी तक पहुंचना भी आसान है। कुल्लू शहर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर पीज नामक स्थान स्थित है, जहां से लगघाटी की यात्रा शुरू होती है। पीज से ढालपुर के लिए पैराग्लाइडिंग का रोमांचक अनुभव भी लिया जा सकता है। पीज से कुल्लू शहर का विहंगम दृश्य अत्यंत आकर्षक लगता है।

लगघाटी के पीज से काइसधार तक लगभग सात किलोमीटर लंबा एक ऐतिहासिक ब्राइडल पाथ है, जिस पर अब इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट की सुविधा भी उपलब्ध है। यह पथ ब्रिटिश काल में पर्वतारोहण के शौकीनों के लिए बनाया गया था। पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पथ पर केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही उपयोग किया जाता है, जो पर्यटकों को एक आरामदायक और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का अनुभव कराता है।

कैसे पहुंचे लगघाटी:

यदि आप शिमला से यात्रा कर रहे हैं, तो लगभग 210 किलोमीटर की दूरी तय करके कुल्लू पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से आने वाले पर्यटक भुंतर एयरपोर्ट पर उतरकर टैक्सी या बस के माध्यम से कुल्लू और फिर लगघाटी तक पहुंच सकते हैं। दिल्ली और चंडीगढ़ से भी बस या टैक्सी द्वारा आसानी से लगघाटी जाया जा सकता है। कुल्लू से पीज तक लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है, जिसके बाद लगघाटी के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव शुरू हो जाता है।

खाने-पीने की व्यवस्था:

लगघाटी में पर्यटकों के लिए खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है। यहां कई स्थानीय व्यंजन उपलब्ध हैं, जिनमें सिड्डू (उबले हुए आटे की लोई), कोदरा की रोटी, कद्दू की सब्जी और विभिन्न प्रकार की चटनी प्रमुख हैं। पर्यटक इन स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद विभिन्न होमस्टे और रेस्टोरेंट में ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, लगघाटी में हाथों से बुने हुए गर्म जुराबें, स्वेटर और मफलर भी मिलते हैं, जिन्हें पर्यटक स्मृति चिन्ह के रूप में खरीद सकते हैं।

लगघाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और रोमांचक गतिविधियों के कारण निश्चित रूप से पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन गंतव्य साबित हो रहा है। यदि आप प्रकृति की गोद में कुछ शांत पल बिताना चाहते हैं और रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं, तो लगघाटी आपके लिए एक आदर्श स्थान है।

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