Edited By Vijay, Updated: 31 Dec, 2024 12:39 PM
वीर भूमि के नाम से विख्यात जिला हमीरपुर से लगभग हर गांव से दर्जनों युवा भारतीय सेना में कार्यरत हैं या फिर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यही कारण है कि हमीरपुर जिले को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है।
हमीरपुर (राजीव): वीर भूमि के नाम से विख्यात जिला हमीरपुर से लगभग हर गांव से दर्जनों युवा भारतीय सेना में कार्यरत हैं या फिर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यही कारण है कि हमीरपुर जिले को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। हमीरपुर जिले से अब बेटियां भी भारतीय सेना में ऑफिसर बनकर जिले का नाम रोशन कर रही हैं। वर्ष 2024 में हमीरपुर जिले से दर्जनों युवा भारतीय सेना में बतौर लैफ्टिनैंट, मेजर और कैप्टन बने हैं। इनमें से बहुत सी बेटियां भी 2024 में कमीशन पास करके भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट बनी हैं। हाल ही में हमीरपुर जिले की 2 बेटियों ने एक साथ भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट बनकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। बेटियों की सफलता से परिजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
टौणीदेवी तहसील के ऊहल गांव की रहने वाली शिप्रा ठाकुर का चयन भारतीय सेना में बतौर लैफ्टिनैंट हुआ है। शिप्रा ठाकुर सिक्किम में अपनी सेवाएं देंगी। शिप्रा ठाकुर के पिता रामनाथ ठाकुर सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं, जबकि माता निशि किरण ठाकुर गृहिणी हैं। शिप्रा ठाकुर ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद टांडा मैडीकल कालेज से जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स किया। उसके बाद उसने लॉर्ड महावीरा काॅलेज ऑफ नर्सिंग से पोस्ट बेसिक कंपलीट की और एमएससी नर्सिंग बेंगलुरु से पूरी की। शिप्रा ठाकुर को शुरू से ही सेना में जाने का शौक था, जिसके लिए उसने निरंतर प्रयास किया और अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते यह मुकाम हासिल किया। शिप्रा ठाकुर मिलिटरी अस्पताल गंगटोक में कार्यरत हैं।
उधर, नादौन के तरेटी गांव की बेटी आकांक्षा शर्मा का चयन भारतीय सैन्य सेवा विशाखापट्टनम में लैफ्टिनैंट के पद पर हुआ है। आकांक्षा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ स्कूल जलाड़ी से की। आकांक्षा हमेशा से ही राष्ट्र सेवा का सपना देखती थी और उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात मेहनत की। आकांक्षा का चयन उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो भारतीय सेना में सेवा करने का सपना देखते हैं।
सुजानपुर की ग्राम पंचायत पटलांदर के जीहण गांव की शिवानी जसवाल भारतीय सेना में बतौर लैफ्टिनैंट सेवाएं दे रही हैं। शिवानी जसवाल ने सैन्य नर्सिंग सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। शिवानी बेंगलुरु में बतौर लैफ्टिनैंट सेवाएं दे रही हैं।
प्रताप नगर हमीरपुर की नेहा पुरी भारतीय सेना के मेडिकल कोर में कमीशन पास करके कैप्टन बनी हैं। कैप्टन नेहा पुरी ने एमबीबीएस की पढ़ाई आईजीएमसी शिमला से की है और एमडी की पढ़ाई मेडिकल काॅलेज रोहतक से की है। नेहा पुरी के पिता राकेश पुरी तहसील वैल्फेयर ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। कैप्टन नेहा पुरी मेरठ आर्मी अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं।
हमीरपुर के भरथियां और बल्ह गांव की 2 लड़कियों का चयन रक्षा सेवाओं में नर्सिंग के क्षेत्र में लैफ्टिनैंट के पद पर हुआ है। भरथियां गांव की दीक्षा शर्मा का चयन नौसेना में लैफ्टिनैंट के पद पर, जबकि बल्ह गांव की शिवानी ठाकुर का चयन सेना के मेडिकल कोर में लैफ्टिनैंट के पद पर हुआ है।
कांगू की दीक्षा भारतीय सेना में बतौर लैफ्टिनैंट अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नेरचौक स्थित गवर्नमैंट इंजीनियरिंग काॅलेज से पूर्ण की। उसके पश्चात दीक्षा ने मिलिटरी इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा पास करके प्रदेश का नाम रोशन किया।
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