Edited By Vijay, Updated: 22 Nov, 2023 09:00 PM

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में 2 छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसमें संलिप्त 12 विद्यार्थियों को निष्कासित कर दिया है।
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में 2 छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसमें संलिप्त 12 विद्यार्थियों को निष्कासित कर दिया है। बीते सोमवार को विश्वविद्यालय के पिंक पैटल्स चौक पर छात्र गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी और मामले की जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह सख्त कार्रवाई अमल में लाई है। मामले की जांच के दौरान कमेटी ने सभी तथ्यों को खंगाला। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में हुई इस झड़प का वीडियो को भी देखा और इसको आधार बनाते हुए विद्यार्थियों पर यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।
निष्कासित विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर भी रोक
जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने निष्कासन के आदेश जारी कर दिए हैं, साथ ही निष्कासित विद्यार्थियों के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निष्कासन पत्र सभी विभागों के अध्यक्ष को भेज दिया है। मामले की आगे की जांच में अगर और विद्यार्थी भी हिंसक झड़प में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विश्वविद्यालय परिसर व बालूगंज थाने के बाहर हुए थे प्रदर्शन
बीते सोमवार को विश्वविद्यालय में एसएफआई व एनएसयूआई के छात्र नेताओं के बीच झड़प होने के बाद दोनों छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने इसके लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था। झड़प में 4 छात्र नेताओं को चोटें आई थीं। इसके बाद बीते मंगलवार को विश्वविद्यालय में सुबह प्रदर्शन भी हुए थे, इसके बाद शाम के समय छात्र नेताओं को हिरासत में लेने पर एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने बालूगंज थाने के बाहर प्रदर्शन किया था। उधर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र वर्मा ने माना कि हिंसक झड़प में शामिल विद्यार्थियों को निष्कासित करने का फैसला लिया है।
हिंसक झड़प के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हिंसक झड़प के बाद विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। समरहिल चौक सहित परिसर के अलग-अलग स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है और बिना जांच किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।
अभिभावकों को भेजी जाएगी सूचना
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से निष्कासित विद्यार्थियों के अभिभावकों को अब विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय की जानकारी भेजी जाएगी। विभिन्न विभागों के अध्यक्ष इसकी सूचना अभिभावकों को देंगे। विश्वविद्यालय में सोमवार को हुई हिंसा में छात्र आपस में लड़ते हुए दिखाई दिए। इसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन पर कार्रवाई की कमर कस ली थी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय परिषद के अंदर छात्र संगठनों की गतिविधियों को रोकने से लेकर हिंसा पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सिफारिश की है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह रिपोर्ट अब स्थानीय प्रशासन व पुलिस को दी जा सकती है ताकि इसे लागू करते हुए शैक्षणिक संस्थाओं के परिसरों में शांति का माहौल बनाया जा सके।
पहले भी एचपीयू से कई विद्यार्थी हो चुके हैं निष्कासित
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में पहले भी कई विद्यार्थियों को निष्कासित किया जा चुका है। पूर्व में विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने व अनुशासनहीनता के मामलों के चलते कई विद्यार्थियों को निष्कासित किया गया था। इसके अलावा कंडक्ट प्रोबेशन पर भी विद्यार्थियों को रखा जाता रहा है।
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