Sirmaur: नाहन में मांगाें के लेकर 102 और 108 एम्बुलैंस कर्मियों ने निकाली रैली, डीसी के माध्यम से सरकार को भेजा ज्ञापन

Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2025 07:19 PM

102 and 108 ambulance workers took out rally in nahan regarding their demands

102 व 108 एम्बुलैंस कर्मचारी यूनियन संबंधित सीटू ने श्रम कानूनों व न्यायिक आदेशों को लागू करने, न्यूनतम वेतन व कर्मचारियों की प्रताड़ना बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय नाहन में प्रदर्शन किया।

नाहन (आशु): 102 व 108 एम्बुलैंस कर्मचारी यूनियन संबंधित सीटू ने श्रम कानूनों व न्यायिक आदेशों को लागू करने, न्यूनतम वेतन व कर्मचारियों की प्रताड़ना बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय नाहन में प्रदर्शन किया। सीटू के बैनर तले सभी 102 व 108 कर्मी चौगान मैदान में एकत्रित हुए और वहां से एक रैली के रूप में डीसी कार्यालय पहुंचे और डीसी के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा। यूनियन का कहना है कि अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है और न ही 17,235 रुपए वेतन को लागू किया गया है।

न छुट्टी, न न्यूनतम वेतन, करना पड़ता है 12 से 16 घंटे काम : यूनियन
सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार, जिला अध्यक्ष राजेश तोमर, सीटू जिला उपाध्यक्ष संदीप, 102 व 108 यूनियन के राज्य अध्यक्ष सुनील, जिला अध्यक्ष सुरजीत, महासचिव विशाल व उपाध्यक्ष शुभम, गुमान, विजय और सह सचिव कुलदीप, बलदेव, अशोक, ममता, रेखा व वैशाली ने आरोप लगाया कि मुख्य नियोक्ता एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत मेडस्वेन फाऊंडेशन के अधीन काम कर रहे सैंकड़ों पायलट, कैप्टन व ईएमटी कर्मचारी शोषण के शिकार हैं। शोषण का आलम यह है कि कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता है। 12 घंटे डयूटी करवाई जाती है, लेकिन ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट, सीजेएम कोर्ट शिमला व श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद पिछले कई वर्षों से इन कर्मचारियों का शोषण बरकरार है। आरोप लगाया कि जब संबंधित कर्मी अपनी यूनियन के माध्यम से मांगों के समाधान के लिए आवाज बुलंद करते हैं तो उन्हें मानसिक तौर व अन्य माध्यमों से प्रताड़ित किया जाता है। यूनियन के नेतृत्वकारी कर्मचारियों का या तो तबादला कर दिया जाता है या फिर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करके नौकरी से त्याग पत्र देने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। कई कर्मचारियों को बिना कारण ही कई-कई महीनों तक ड्यूटी से बाहर रखा जाता है। उन्हें डराया-धमकाया जाता है और नियमानुसार छुट्टियां नहीं दी जाती हैं। इनके ईपीएफ व ईएसआई के क्रियान्वयन में भी भारी त्रुटियां हैं। कुल वेतन में इनका मूल वेतन बेसिक सैलरी भी कम है। अन्य सभी प्रकार के श्रम कानूनों का भी उल्लंघन हो रहा है।

ये हैं एम्बुलैंस कर्मियों की मांगें
उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों को सरकारी नियमानुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए। 12 घंटे कार्य करने पर नियमानुसार डबल ओवरटाइम वेतन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों को नियमानुसार सभी छुट्टियों का प्रावधान किया जाए। गाड़ियों की मैंटीनैंस व इंश्योरैंस के दौरान कर्मचारियों का वेतन न काटा जाए और कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान किया जाए। प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट, सीजेएम कोर्ट शिमला और श्रम विभाग के न्यूनतम वेतन के संदर्भ में आदेशों को तुरंत लागू करने समेत अन्य मांगों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। इस मौके पर विशाल, यशपाल, रमेश, सलीम, नरेंद्र, कुलदीप, राकेश, सीमा, डिंपल, देविंदर, बस्ती राम, विक्रम, विजय, अनिरुद्ध, नरेंद्र, सतीश, कोमल, शुभम, मुकेश रेखा, वैशाली, किरण व नरेश समेत महिला समिति की जिला अध्यक्ष संतोष कपूर व आशा शर्मा भी मौजूद रहीं।

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