Edited By prashant sharma, Updated: 04 Jun, 2020 01:54 PM
हिमाचल प्रदेश के सैकडों बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वायदा करके मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भूल गए है। जिसके चलते प्रदेश के 2400 अभ्यर्थियों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है।
हमीरपुर (अरविंदर) : हिमाचल प्रदेश के सैकडों बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वायदा करके मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भूल गए है। जिसके चलते प्रदेश के 2400 अभ्यर्थियों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 556 के तहत तीन सालों से अभ्यर्थियों के भविष्य दांव पर लगे हुए है। सरकार की बेरूखी से नाराज पोस्ट कोड 556 से अपात्र घोषित किए गए अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उन्हें भीख मांगने के लिए कटोरा देने की मांग की है। यह अभ्यर्थी पिछले तीन सालों से नौकरी के लिए आंदोलनरत है।
एक तरफ कोरोना वैश्विक महामारी के चलते बाहरी राज्यों से प्रदेश पहुंचे युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर पिछले तीन सालों से हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पोस्ट कोड 556 के तहत परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को सिर्फ वादे ही मिले है। वादे और आश्वासन गली नुक्कड़ अथवा मंचों से नहीं बल्कि विधानसभा के पटल से दिए गए हैं, लेकिन नौकरी के लिए तंबू लगाकर कर अनशन करने वाले प्रदेश के इन सैकड़ों युवाओं का भविष्य सरकार की नजरअंदाजी से दांव पर लग गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि तीन साल तक उन्हें आश्वासन दिया गया अब या तो नौकरी दी जाए या फिर मुख्यमंत्री उनके हाथ में कटोरा पकड़ा दें ताकि वह भीख मांगने के साथ ही सरकार के झूठे आश्वासनों के बारे में लोगों को बता सकें। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से पोस्ट कोड 556 के तहत सैकड़ों पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया तीन साल पहले शुरू की गई थी, लेकिन चयन से ठीक कुछ समय पहले ही निजी संस्थानों एवं संस्थाओं के माध्यम से कंप्यूटर डिप्लोमा करने वाले परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 2400 के करीब अभ्यर्थियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब तीन साल तक आश्वासन देने के बाद इस पोस्ट कोड के तहत रिक्त बचे 500 से अधिक पदों को पोस्टकोड 727 में मर्ज करने की योजना सरकार बना रही है जिसका अब यह अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं।