Hamirpur: शादियों और त्यौहारी सीजन में कहां से आ रहा सस्ता पनीर, कहीं सेहत से तो नहीं हो रहा खिलवाड़

Edited By Vijay, Updated: 14 Oct, 2024 12:30 PM

where is cheap cheese coming from during wedding and festive season

शादियों और त्यौहारी सीजन में सब्जियों और मिठाइयों के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि ने आम आदमी का बजट हिला दिया है। वहीं दूध के रेटों के मुकाबले पनीर की कम कीमत ने पनीर की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

बिझड़ी (सुभाष धीमान): शादियों और त्यौहारी सीजन में सब्जियों और मिठाइयों के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि ने आम आदमी का बजट हिला दिया है। वहीं दूध के रेटों के मुकाबले पनीर की कम कीमत ने पनीर की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। शादियों और त्यौहारों के चलते पनीर की मांग बढ़ी है, लेकिन डिमांड को पूरा करने के लिए इतना पनीर कहां से आ रहा है, इससे प्रशासन और सरकार भी अनभिज्ञ हैं। लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि कहीं यह पनीर स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय तो नहीं है।

...तो 240 रुपए प्रति किलो के हिसाब से कैसे मिल रहा पनीर 
जानकारी के अनुसार पड़ोसी राज्यों से वैंडर ऊना और हमीरपुर तथा अन्य जिलों में 240 रुपए किलो के हिसाब से थोक में दुकानदारों को पनीर पहुंचा रहे हैं, जोकि आगे चल कर ग्राहकों को 280 और 300 रुपए के भाव से बेचा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जब दूध का भाव कहीं भी 60 रुपए प्रति किलोग्राम से कम नहीं है तो एक किलो पनीर बनाने में कम से कम 5 किलो दूध लगता है, जिसकी कीमत 300 रुपए बनती है तो 240 रुपए प्रति किलो के हिसाब से कैसे पनीर उपलब्ध हो रहा है।

बताते चलें कि त्यौहारों और शादी-समारोहों में पनीर की डिमांड काफी अधिक होती है। घरेलू स्तर पर दूध की उपलब्धता के साथ-साथ पैकेट का दूध भी काफी मात्रा में खरीदा जाए, तब भी इतनी डिमांड को शुद्धता के साथ पूरा करना मुश्किल होता है, ऐसे में पड़ोसी राज्यों से आने वाला पनीर ही इस डिमांड को पूरा कर सकता है। हालांकि खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण रखने वाला फूड सेफ्टी विभाग समय-समय पर सैंपल भी भरता है, लेकिन फिर भी भारी मात्रा में कम कीमतों पर पड़ोसी राज्यों से पनीर की खेप पहुंचना चिंता का विषय है।

खाद्य पदार्थों की क्वालिटी पर नहीं हो रहा कंट्रोल
रिफाइंड और सरसों के तेल की कीमतें भी आसमान को छू रही हैं। महंगाई के चलते अब बाजार में मिलावटयुक्त खाद्य पदार्थ पहुंचने लगे हैं। खाद्य पदार्थों की क्वालिटी पर जो कंट्रोल होना चाहिए, वैसा दिखता नहीं है। हालांकि कीमतों पर नियंत्रण रखने और गुणवत्ता की जांच करने के लिए  विभाग समय-समय पर कार्रवाई करता है लेकिन फिर भी कुछ दुकानदार ग्राहकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में लगे हैं, जोकि चिंता का विषय है।

शादी-समारोह आयोजकों के निकल रहे पसीने, आम आदमी दालों पर निर्भर 
त्यौहारों और शादियों के सीजन में आम आदमी की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। खाद्य पदार्थों की डिमांड तो बढ़ी है लेकिन सब्जियों और घी-तेल के दामों में भी काफी इजाफा हुआ है। हर रसोई घर में प्रयोग किए जाने वाले बेहद जरूरी आलू-प्याज लेना भी सामान्य लोगों के लिए मुश्किल हो चुका है। हर चीज के इतने दाम बढ़ चुके हैं कि शादी-समारोह आयोजकों के पसीने छूट रहे हैं। कई घरों में तो सब्जियां गायब हो चुकी हैं और उन्हें अब दालों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।

मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदार बख्शे नहीं जाएंगे : अनिल शर्मा
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर असिस्टैंट कमिश्नर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हमीरपुर अनिल शर्मा का कहना है कि समय-समय पर खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है और गुणवत्ता सही न पाए जाने पर सैंपल भी भरे जाते हैं। त्यौहारी सीजन को लेकर जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और अगर कोई दुकानदार बिना गुणवत्ता के किसी भी तरह का पनीर या अन्य मिठाइयां या फिर कोई भी खाद्य पदार्थ बेचता पकड़ा जाएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा, नियमानुसार उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!