शिमला में पेयजल संकट: HC ने तलब किए कमिश्नर व MC इंजीनियर

Edited By Ekta, Updated: 29 May, 2018 09:12 AM

water crisis in shimla hc has summoned commissioner the mc engineer

शिमला शहर में पानी की कमी के चलते प्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मंगलवार को नगर आयुक्त व नगर अभियंता को मंगलवार को कोर्ट के समक्ष तलब किया है। अधिवक्ताओं ने...

शिमला: शिमला शहर में पानी की कमी के चलते प्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मंगलवार को नगर आयुक्त व नगर अभियंता को मंगलवार को कोर्ट के समक्ष तलब किया है। अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट से नगर निगम के सक्षम अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी करने की गुहार लगाई गई है ताकि शिमला शहर में रह रहे बाशिंदों को पर्याप्त मात्रा में पानी मुहैया करवाया जा सके। प्रदेश हाईकोर्ट के ध्यान में यह तथ्य लाया गया कि शिमला के बाशिंदों को पिछले 8 दिनों से पानी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश महाधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले पर पहले ही संज्ञान ले लिया गया है और इस बाबत कदम उठाए जा रहे हैं।


न्यायालय ने एडवोकेट जनरल की बात से सहमति जताते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान हमेशा के लिए करने के लिए चैकडैम व बड़े जलाशय का निर्माण किया जा सकता है ताकि बड़ी मात्रा में जल इकट्ठा किया जा सके और उस पानी का इस्तेमाल पानी की कमी के दौरान गर्मियों के महीनों में किया जा सके। न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे के अलावा यह भी जानना जरूरी है कि क्या शिमला शहर में होने वाले नए निर्माण को स्वीकृति प्रदान की जा सकती है जब शिमला नगर निगम की परिधि में उसका अपना कोई स्थायी पानी का साधन नहीं है। क्या दूरदराज से नदी के माध्यम से पंप द्वारा पानी उठाया जा सकता है। 


न्यायालय ने कहा कि इस विषय पर भी विचार करना आवश्यक है कि क्या शिमला में बढ़ती जनसंख्या को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाने के लिए पानी का संग्रह करने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं या नहीं। मामले पर सुनवाई 29 मई को होगी। इसबीच शिमला में पानी को लेकर मचे हाहाकार और जनता के सड़कों पर उतरने के बाद सोमवार को सरकार व अफसरशाही हरकत में आई व खुद मुख्य सचिव विनीत चौधरी सचिवालय से उठकर स्थिति की समीक्षा करने के लिए नगर निगम कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने निगम कार्यालय में रोजाना पानी के वितरण की रिपोर्ट का अध्ययन किया और अधिकारियों से जाना कहां पर वाटर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम फेल हो रहा है। वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर सोमवार को नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुुर ने भी पानी को लेकर अधिकारियों के साथ आपात बैठक बुलाई। 


इस दौरान शिमला शहर में पर्याप्त जलापूर्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। बैठक में शिक्षा मंत्री एवं स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव शहरी विकास राम सुभग सिंह, सचिव आई.पी.एच. देवेश कुमार, शिमला जिलाधीश अमित कश्यप व नगर निगम आयुक्त रोहित जम्वाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सी.एम. जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को टैंकरों के माध्यम से जल के समान वितरण के लिए विश्वसनीय तंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को पीने का पानी प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा से न जूझना पड़े। पेयजल व्यवस्था की निगरानी को लेकर बनाई गई कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव शहरी विकास, शिमला के जिलाधीश, विशेष सचिव राजस्व, नगर निगम आयुक्त, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता समिति के सदस्य होंगे जबकि सचिव आई.पी.एच. इसके सदस्य सचिव एवं संयोजक होंगे।


प्राइवेट टैंकर हायर करने के आदेश
समिति को शिमला शहर में उपभोक्ताओं को समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए सरकारी तथा प्राइवेट दोनों एजैंसियों को मांग के अनुरूप टैंकर्ज हायर करने तथा अन्य संसाधनों सहित सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के अधिकारियों को शिमला शहर के लोगों को उपयुक्त  पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए। सी.एम. ने जिला प्रशासन व नगर निगम को गर्मियों के दौरान पानी की कमी  के कारण स्थानीय लोगों व सैलानियों को असुविधा न हो इसके लिए 17 टैंकर, 15 यूटिलिटीज तथा 4 टिप्पर की सेवाएं ली जा रही हैं। सी.एम. ने अतिरिक्त व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शहर के लोगों को पर्याप्त जल उपलब्ध करवाने के लिए सिरमौर से 3 टैंकर्ज तथा बिलासपुर से भी 3 टैंकर्ज मंगवाए गए हैं।


लीकेज रोकने के दिए निर्देश
बैठक में सी.एम. ने अधिकारियों को पेयजल लाइनों में हो रही लीकेज को रोकने के आदेश दिए हैं ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। साथ ही निर्माण कार्यों में प्रयोग किए जा रहे पानी के कनैक्शनों को काटने के निर्देश दिए। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी पानी का न्यायसंगत उपयोग करने की अपील की। 


गुम्मा से बंद होंगी कूहलें
मुख्यमंत्री ने गुम्मा पेयजल योजना में पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए यहां से कूहलों को बंद करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। यहां से किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए कूहलों से पानी लेते हैं, ऐसे में इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि गुम्मा से पानी की लिफ्टिंग बढ़ सके। 

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