विक्रमादित्य की अभद्र टिप्पणी पर भड़के आश्रय शर्मा, दी चुनौती

Edited By Ekta, Updated: 01 Aug, 2018 02:14 PM

vikramaditya of abusive remark flare up aashray sharma

भाजपा नेता एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के बड़े स्पुत्र आश्रय शर्मा ने शिमला ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की है। शर्मा ने मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि...

मंडी (नीरज): भाजपा नेता एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के बड़े स्पुत्र आश्रय शर्मा ने शिमला ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की है। शर्मा ने मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को मंत्री के खिलाफ इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता। बताया जा रहा है कि विक्रमादित्य ने पिछले कल अपने फेसबुक पेज पर अखबार की कटिंग के साथ एक पोस्ट डाली थी। इसमें लिखा था कि ’’धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का।’’ हालांकि अब यह पोस्ट वहां से हटा दी गई है। लेकिन अनिल शर्मा के समर्थकों ने इसका स्क्रिन शॉट ले लिया था। 
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उल्लेखनीय है कि अनिल ने ऊर्जा विभाग में कुछ फेरबदल का सुझाव सीएम जयराम ठाकुर को दिया था और उसमें मंत्री को अधिक शक्तियां देने का सुझाव भी शामिल था। उसी खबर को जब मीडिया ने दिखाया तो उसकी एक कटिंग का इस्तेमाल करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा पर निशाना साध दिया। लेकिन इसमें उन्होंने जिस कहावत का इस्तेमाल किया उसे लेकर अब बवाल मचता हुआ नजर आ रहा है। शर्मा के स्पुत्र एवं भाजपा नेता आश्रय ने कहा कि वीरभद्र सिंह एंड संज ने उनके परिवार को लज्जित करने का प्रयास पहले भी किया था और उसका परिणाम पूरी कांग्रेस पार्टी भुगत चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि वीरभद्र सिंह और उनके बेटे में इतना ही गुमान है तो वो इस बार खुद मंडी से लोकसभा का चुनाव लड़कर दिखाएं उन्हें असलीयत पता चल जाएगी। आश्रय ने कहा कि वो इस बार आर-पार की लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।


उन्होंने कहा कि पूर्व में जब उनके पिता कांग्रेस सरकार में मंत्री थे तो वीरभद्र ने मंडी में खुले मंच से उनके दादा पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम का अपमान किया था। उन्होंने कहा कि इस अपमान का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा और मंडी जिला पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में प्रदेश की चारों सीटें भाजपा की झोली में जाएंगी और वीरभद्र एंड संज को यदि अभी भी अपने उपर विश्वास है तो मंडी से आकर चुनाव लड़ लें उन्हें हकीकत पता चल जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के बीच हमेशा ही 36 का आंकड़ा रहा है। राजनीति के इन दो धुरंधरों की लड़ाई अब इनकी अगली पीढ़ी तक पहुंच चुकी है। अगली पीढ़ी भी राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय है और राजनीति के अखाड़े में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार भी।

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