UP के शातिर ठगों के झांसे में आए 2 व्यापारी, ऐसे लुटा बैठे खून-पसीने की कमाई

Edited By Vijay, Updated: 29 Mar, 2019 04:23 PM

up s vicious fraud with 2 businessmen

हिमाचल प्रदेश के 2 व्यापारी उत्तर प्रदेश के शातिर ठगों के हाथों 52 लाख रुपए लुटा बैठे। धोखाधड़ी का शिकार हुए दोनों व्यापारियों ने जब अपना पैसा ठंगों से वापस मांगा तो पैसे या सामान के स्थान पर ठगों की ओर से धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं। ठगी का शिकार...

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के 2 व्यापारी उत्तर प्रदेश के शातिर ठगों के हाथों 52 लाख रुपए लुटा बैठे। धोखाधड़ी का शिकार हुए दोनों व्यापारियों ने जब अपना पैसा ठंगों से वापस मांगा तो पैसे या सामान के स्थान पर ठगों की ओर से धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं। ठगी का शिकार हुए व्यापारियों ने अब बिलासपुर पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है।

एजैंसी व इलैक्ट्रॉनिक्स सामान आधे दामों पर लेने का दिया झांसा

बिलासपुर शहर के डियारा सैक्टर निवासी व्यवसायी अनिल मल्होत्रा के अनुसार खुद को देहरादून में जी.जी. स्टोर नामक कंपनी का मालिक बताने वाले यू.पी. के मुजफ्फ रनगर निवासी एक व्यक्ति ने अपने 3 प्रतिनिधियों के माध्यम से उनसे कई बार संपर्क  किया। उन्हें बताया गया कि उक्त कंपनी का कुछ नामी इलैक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के साथ अनुबंध है। यदि वह इस कंपनी की एजैंसी लेते हैं तो उन्हें नामी कंपनियों का इलैक्ट्रॉनिक्स सामान आधे दामों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। अनिल मल्होत्रा के अनुसार उक्त कंपनी के प्रतिनिधियों ने एजैंसी के लिए उसकी दुकान का सर्वे भी किया और जी.जी. स्टोर कंपनी की एजैंसी लेने के लिए 60 लाख रुपए एडवांस देने को कहा।

पालमपुर के व्यवसायी दोस्त को बनाया पार्टनर

जब उसने इतनी राशि देने में असमर्थता जताई तो कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा किसी को पार्टनर बनाने का सुझाव दिया गया ताकि यह मौका हाथ से निकल न जाए। इस पर उन्होंने पालमपुर में अपने व्यवसायी दोस्त राजीव सिंह से इस बारे बात करके उनकी मुलाकात उक्त कंपनी के प्रतिनिधियों से करवाई। राजीव को भी उनकी ऑफर पसंद आई लेकिन उन्होंने भी इतने पैसे एकमुश्त देने में असमर्थता जताई। इस पर कंपनी के प्रतिनिधियों ने उन्हें 35 फीसदी राशि एडवांस देने को कहा। उस ओर से यह भी कहा गया कि 35 फीसदी राशि जमा होने पर उन्हें सामान देना शुरू कर दिया जाएगा लेकिन उन्हें बाकी राशि 60 दिनों के भीतर जमा करवानी होगी।

पेशकश स्वीकार कर कंपनी के साथ किया एग्रीमैंट

अनिल मल्होत्रा के अनुसार उसने और राजीव ने कंपनी की यह पेशकश स्वीकार कर ली। इस बारे कंपनी के साथ बाकायदा एग्रीमैंट भी हुआ। 5 सितम्बर, 2018 तक उन्होंने इंडियन ओवरसीज बैंक में कंपनी के अकाऊंट में चैकों के माध्यम से 10 लाख 5 हजार 800 रुपए जमा कराए। उसके बाद 29 सितम्बर तक 20 लाख 78 हजार 699 रुपए कंपनी के मालिक और उसके प्रतिनिधियों को नकद दिए गए। इस पैसे के एवज में उन्हें मुश्किल से डेढ़ से दो लाख रुपए का सामान भेजा गया।

पैसे देने के बाद संपर्क करना कर दिया बंद

बेचने के लिए सामान कम पड़ने पर बेहतर कारोबार की आस में राजीव ने 29 सितम्बर तक चैकों के माध्यम से 10 लाख 28 हजार 551 रुपए कंपनी के बैंक खाते में जमा कराए जबकि 15 अक्तूबर तक 11 लाख रुपए का नकद भुगतान किया। उसके कुछ दिनों बाद उक्त लोगों ने उनसे संपर्क करना बंद कर दिया। उन्होंने किसी तरह फोन पर उनसे संपर्क किया तो उन्हें धमकियां दी गई। यह भी कहा गया कि पुलिस के पास शिकायत करने पर उन्हें जान-माल का नुक्सान झेलना होगा। शिकायत में कहा है कि पैसा लुटाने के साथ ही अब उन्हें जान-माल का खतरा भी है। वहीं एस.एस.पी. अशोक कुमार ने बताया कि सदर थाना में आई.पी.सी. की धारा 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।

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