Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Jul, 2017 12:31 AM
ग्लेशियर और एवलांच से भरे ट्रैकिंग रूटों पर रोमांच के साथ खतरा भी बढ़ा है।
मनाली: ग्लेशियर और एवलांच से भरे ट्रैकिंग रूटों पर रोमांच के साथ खतरा भी बढ़ा है। प्रदेशभर के सभी ट्रैक रूट ट्रैकरों के लिए खुल गए हैं। ये ट्रैक रूट 5 जुलाई से 10 सितम्बर तक 2 महीने की अवधि तक खुलते हैं। हिमाचल के लंबे ट्रैक रूटों में चंद्रताल से बारालाचा, दारचा से पदम, मयाड़ के कांगला ग्लेशियर से कारगिल-जंसकर, मनाली-हामटा से छतडू, मनाली-जगतसुख से गोरुपास-पीन पास-किन्नौर, मनाली से बड़ा भंगाल, पीन वैली से स्पीति व मनाली से हनुमान टिब्बा न केवल रोमांच से भरे हैं बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से भी लबालब हैं। शहर के सैंकड़ों युवाओं ने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त युवा ही देशी-विदेशी सैलानियों से कदमताल करवा रहे हैं।
प्रदेश के सभी लंबे ट्रैक रूटों पर कदमताल शुरू
हिमालयन एडवैंचर के संचालक रूप चंद नेगी, पैरामाऊंट एडवैंचर के संचालक विशाल ठाकुर, ट्रैकर रवि ठाकुर, दिनेश व राजेश ने बताया कि प्रदेश के सभी लंबे ट्रैक रूटों पर कदमताल शुरू हो गई है। कुल्लू के मशहूर ट्रैकर सी.आर. नेगी का कहना है कि इस बार ट्रैक रूटों पर पिछले साल की अपेक्षा बहुत अधिक बर्फ देखने को मिल रही है। बरसात के चलते नालों में पानी अधिक है। ग्लेशियरों को पार करना भी चुनौती बना हुआ है लेकिन सभी सुरक्षा उपायों के साथ ट्रैकर ट्रैकिंग को अंजाम दे रहे हैं।