Edited By Updated: 07 Apr, 2017 11:11 AM
ऐसी भी क्या लापरवाही जो किसी की जान की दुश्मन ही बन जाए। एक बार हुए हादसे से सभी को सबक मिल जाता है लेकिन यदि ...
कुल्लू : ऐसी भी क्या लापरवाही जो किसी की जान की दुश्मन ही बन जाए। एक बार हुए हादसे से सभी को सबक मिल जाता है लेकिन यदि हादसे के बाद भी आंखें न खुलें तो दोष किसका। ऐसी ही लापरवाही भुट्टि चौक ढालपुर से सरवरी को जाते नैशनल हाईवे पर देखी जा सकती है। भुट्टि चौक से थोड़ा सा आगे नैशनल हाईवे पर सटी पहाड़ी खतरनाक बनी हुई है जिससे समय-समय पर पत्थर व झाड़ियां मलबे के रूप में गिरती रहती हैं। वहीं इसी स्थान पर नैशनल हाईवे पर हवा में झूल रहा पेड़ कभी भी मौत का तांडव कर सकता है। पेड़ की आधी से ज्यादा जड़े मिट्टी से बाहर निकल चुकी हैं तथा पेड़ की टहनियां सड़क के दूसरे कोने तक बिजली की तारों तक आ पहुंची हैं। गौरतलब है कि नैशनल हाईवे होने के कारण यहां से प्रतिदिन सैंकड़ों छोटे-बड़े वाहनों का आना-जाना लगा रहता है, ऐसे में यदि किसी भी समय यह पेड़ किसी वाहन को अपनी चपेट में लेता है तो जानमाल का भी काफी नुक्सान हो सकता है।
लटक रहे पेड़ों का पुख्ता इंतजाम करने की मांग
स्थानीय लोगों राघव, दिनेश, अंशुल, रमन सूद, विकास भारद्वाज, ममता, भावना, गीता व ऊषा रानी आदि का कहना है कि जब कोई हादसा होता है तो संबंधित विभाग तुरंत हरकत में आते हुए कार्रवाई शुरू कर देता है परन्तु क्या हादसे होने से पहले ही उसका बचाव करना विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती है। क्या कार्रवाई के लिए मात्र हादसों का इंतजार किया जाना चाहिए। उक्त लोगों सहित कुल्लू के बुद्धिजीवी वर्ग ने संबंधित विभाग से इस पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों व हवा में लटक रहे पेड़ों का पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।