Edited By prashant sharma, Updated: 25 Oct, 2020 02:03 PM
कोरोना महामारी के चलते इस बार ऐतिहासिक चौगान मैदान नाहन में दशहरा पर्व सामूहिक तौर पर नहीं मनाया जाएगा। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की लोगों ने भी सराहना की है।
नाहन (सतीश शर्मा) : कोरोना महामारी के चलते इस बार ऐतिहासिक चौगान मैदान नाहन में दशहरा पर्व सामूहिक तौर पर नहीं मनाया जाएगा। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की लोगों ने भी सराहना की है। ऐतिहासिक चौगान मैदान में रियासत काल से दशहरा पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है। इस पर्व में शहर के सभी धर्मों के लोग हजारों की संख्या में ऐतिहासिक चौगान मैदान में इकट्ठा होते थे। दशहरा पर्व पर नगर पालिका द्वारा रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जलाए जाते थे। इन पुतलों को बनाने के लिए करीब एक महीना लग जाता था। पुतले बनाने वाले कारीगर नगर पालिका द्वारा बाहरी राज्यों से बुलाए जाते थे। पुतला दहन के बाद नगर पालिका द्वारा भव्य आतिशबाजी का कार्यक्रम होता था जिसका लोग खूब आनंद उठाते थे। परंतु कोरोना महामारी के चलते प्रशासन के दिशा निर्देशों के मुताबिक इस बार रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले नहीं जलाए जाएंगे और न ही किसी प्रकार का सामूहिक कार्यक्रम होगा। प्रशासन की इस पहल का स्थानीय लोगों ने सराहना की है।
लोगों ने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसे आयोजनों से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। रियासत काल से आतिशबाजी का काम कर रहे हैं अंजुमन शेख ने बताया कि दशहरा पर्व पर दशकों से आतिशबाजी का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण इस बार नगर पालिका द्वारा यहां पर आतिशबाजी का कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है जिसकी वजह से कहीं ना कहीं व्यापारी वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। परंतु एहतियात के तौर पर प्रशासन द्वारा लिए गए इस फैसले का वो स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि दशहरा ही एक ऐसा पर्व है जब इतनी बड़ी संख्या में लोग शिरकत करते हैं। उन्होंने लोग से अपने घरों में रहकर ही पर्व को मनाने का आह्वान किया है।