पूरे शहर को दूध पिलाने वाला ये शख्स युवाओं को दे रहा स्वरोजगार का सबक

Edited By Simpy Khanna, Updated: 06 Nov, 2019 12:18 PM

this person feeding the whole

हिमाचल प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अनेकों किसानों को आय का अच्छा साधन मिल रहा है। कड़ी मेहनत व प्रदेश सरकार की योजनाओं ने इन किसानों को सफलता की राह दिखाई है जिससे आज युवा वर्ग भी प्रभावित हो रहा है। ईसपुर निवासी यादविंदर पाल वर्ष...

ऊना (सुरेन्द्र): हिमाचल प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अनेकों किसानों को आय का अच्छा साधन मिल रहा है। कड़ी मेहनत व प्रदेश सरकार की योजनाओं ने इन किसानों को सफलता की राह दिखाई है जिससे आज युवा वर्ग भी प्रभावित हो रहा है। ईसपुर निवासी यादविंदर पाल वर्ष 2015 में डेयरी फार्मिंग से जुड़े। नाबार्ड के तहत 5.22 लाख रुपए का ऋण लिया जिस पर उन्हें 35 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त हुई और 1.35 लाख रुपए सब्सिडी के तौर पर मिले। आज यादविंदर कड़ी मेहनत से प्रतिमाह लगभग अढ़ाई लाख रुपए का दूध बेच रहे हैं। कृष्णा डेयरी नाम से उन्होंने 40 कनाल भूमि पर फार्म स्थापित किया और आज उनके पास कुल 27 गाय व भैंसें हैं। प्रतिदिन वह अपने इस डेयरी फार्म से लगभग सवा दो क्विंटल दूध बेच रहे हैं। ज्यादातर दूध की सप्लाई ऊना शहर में घर-घर जाकर की जाती है।
PunjabKesari

यादविंदर का कहना है कि डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय बहुत ही अच्छा है लेकिन मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना और सब्सिडी का लाभ लेकर उनके परिवार को आय का अच्छा साधन मिल गया है। नाबार्ड से मिला लोन वह पूरा चुकता कर चुके हैं। पाल ने बताया कि पशु पालन विभाग के अधिकारी उन्हें उनके काम में भरपूर सहायता कर रहे हैं। इसी तरह लोअर बढेड़ा के अजय कुमार चंदेल भी आधुनिक डेयरी फार्म का संचालन सफलतापूर्वक कर रहे हैं। एमबीए फाइनेंस करने के बाद वह दिल्ली में नौकरी करने लगे और एक वर्ष पूर्व उन्होंने लोअर बढेड़ा में अपने गांव वापिस आकर डेयरी फार्म खोला। आज उनके डेयरी फार्म में 11 बड़े तथा 8 छोटे पशु हैं। रोजाना दूध का उत्पादन एक क्विंटल है और सीजन आने पर उत्पादन बढ़कर अढ़ाई क्विंटल तक पहुंच जाता है। दूध की ज्यादातर खपत ऊना में ही है और बाकी बचे हुए दूध को वह वेरका कंपनी को बेचते हैं।
PunjabKesari

अजय का कहना है कि वह दूध की प्रोसेसिंग में स्वयं उतरना चाहते हैं। दूध की प्रोसेसिंग का अपना प्लांट लगाकर वह लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध करवाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि फार्म को आधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है, जिसमें पशुओं के बैठने से लेकर उनके खाने की जगह तक वैज्ञानिक आधार पर डिजाइन की गई है और इस काम में पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने उनकी भरपूर मदद की। यही नहीं विभाग ने उन्हें दुधारू गायों की विभिन्न नस्लों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। विभाग से उन्हें सभी तरह की तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। पशुओं के लिए फीड भी खुद ही तैयार करवाते हैं। अजय कुमार चंदेल ने कहा कि डेयरी फार्मिंग में अच्छा मुनाफा है, लेकिन युवाओं को इस काम में संयम रखने व मेहनत करने की आवश्यकता है। बिना मेहनत कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।

डेयरी फार्मिंग के लिए सरकार दे रही सब्सिडी

वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ. राकेश भट्टी ने कहा कि नाबार्ड के तहत सरकार डेयरी के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करती है। जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत तथा एससी-एसटी के लिए 35 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में डेयरी फार्मिंग के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ा है और पढ़ा-लिखा वर्ग भी पशु पालन के माध्यम से जुड़ रहा है।
PunjabKesari

जिला को बनाएं पशु पालन का हब

पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊना जिला को पशु पालन का हब बनाने के प्रयास कर रही है। पशु गणना के नए आंकड़ों से साफ पता चलता है कि जिला ऊना के किसान पशु पालन में रुचि दिखा रही हैं। यही नहीं बकरी और भेड़ों की संख्या के हिसाब से हिमाचल प्रदेश पूरे उत्तर भारत में सबसे आगे है। उन्होंने किसान को उन्नत नस्ल के पशु पालने का कहा ताकि उन्हें अच्छा लाभ मिल सके और उनकी आय बढ़ सके।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!