Edited By Kuldeep, Updated: 08 May, 2024 11:16 PM
प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई वीरवार को भी जारी रहेगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 8 मई को दोपहर बाद से इन मामलों पर पुनः सुनवाई शुरू हुई थी।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई वीरवार को भी जारी रहेगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 8 मई को दोपहर बाद से इन मामलों पर पुनः सुनवाई शुरू हुई थी। इससे पहले लगातार 3 दिन बहस के दौरान प्रार्थियों की ओर से अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा गया और सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द करने की गुहार लगाई गई जबकि मामले पर सुनवाई के दौरान सीपीएस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वे केवल मंत्रियों को उनके कार्यों में सहायता प्रदान करते हैं। उनका मंत्रिमंडल के कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि उनकी नियुक्ति कानून के अनुसार की गई है और उनकी नियुक्ति से किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होता। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस नियुक्ति से जुड़े कानून को चुनौती देते हुए इस कानून को बनाने की सरकार की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह उठाया गया है। प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं, इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं, इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। इस मामले पर अब राज्य सरकार की ओर बहस जारी है।