Edited By Ekta, Updated: 05 Jul, 2018 03:56 PM
नगर निगम को सालों से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान न करने वाले बड़े डिफाल्टरों के किराएदारों को 7 जुलाई तक निगम को किराया देना होगा। नगर निगम ने प्रॉपर्टी अटैचमैंट को लेकर इन डिफाल्टरों के किराएदारों को नोटिस जारी हैं, इनसे निगम वसूली करेगा। प्रशासन ने...
शिमला (वंदना): नगर निगम को सालों से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान न करने वाले बड़े डिफाल्टरों के किराएदारों को 7 जुलाई तक निगम को किराया देना होगा। नगर निगम ने प्रॉपर्टी अटैचमैंट को लेकर इन डिफाल्टरों के किराएदारों को नोटिस जारी हैं, इनसे निगम वसूली करेगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इनको हर महीने 7 तारीख तक किराया चुकाना होगा। यदि निर्धारित समय के भीतर किराएदार निगम को किराया नहीं चुकाते हैं तो प्रशासन इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा।
निगम की ओर से सैक्शन 124 के तहत ये नोटिस जारी किए हैं। प्रशासन ने 6 बड़े डिफाल्टरों में किराया अटैच किया है, जिसमें किराएदार भवन मालिकों को किराया नहीं देंगे, बल्कि इनको निगम के खाते में पैसे जमा करवाने होंगे। इसमें चौपाल से विधायक, आई.एस.बी.टी. सहित 4 और बड़े डिफाल्टर शामिल हैं, जिनके किराएदारों से वसूली की जा रही है। जबकि 19 अन्य डिफाल्टरों की संपत्ति अटैच (कुर्क) करने के आदेश नगर निगम ने जारी किए हैं। इनसे निगम को कुल 65 लाख 68 हजार 862 रुपए की वसूली की जानी है।
प्रॉपर्टी टैक्स से नगर निगम को अब तक 12 करोड़ की वसूली
निगम को अब तक 12 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी हैं, जबकि 6 हजार उपभोक्ताओं द्वारा संपत्ति कर का भुगतान अब तक निगम को नहीं किया गया है। इनको संपत्ति कर से 7 करोड़ की आमदनी होनी अभी शेष रह गई है। वर्ष 2018-19 में निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से कुल 18 करोड़ रुपए की आय होनी प्रस्तावित है। प्रशासन का कहना है कि शहर के सभी 27 हजार संपत्ति कर उपभोक्ताओं को बिल जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा अब बिल पर 10 प्रतिशत की छूट भी खत्म हो गई है। वहीं निगम संपत्ति कर डिफाल्टरों से प्रतिमाह 1 प्रतिशत ब्याज व 5 फीसदी जुर्माना वसूल कर रहा है।