डॉक्टर बन पिता का सपना किया साकार, सफल मॉडल बन अपने ख्वाबों को दी उड़ान

Edited By Vijay, Updated: 12 Nov, 2020 11:49 PM

successful doctor ankna garg

यह संघर्ष भरी कहानी बिलासपुर जिला के अमरपुर गांव की डॉ. अंकना गर्ग की है, जिसे उसके पिता प्यार से लवली बुलाते थे। अंकना का जन्म वर्ष 1991 में बिलासपुर जिला के अमरपुर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। अंकना को बचपन से ही मॉडलिंग और एक्टिंग का शौक...

हमीरपुर (ब्यूरो): यह संघर्ष भरी कहानी बिलासपुर जिला के अमरपुर गांव की डॉ. अंकना गर्ग की है, जिसे उसके पिता प्यार से लवली बुलाते थे। अंकना का जन्म वर्ष 1991 में बिलासपुर जिला के अमरपुर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। अंकना को बचपन से ही मॉडलिंग और एक्टिंग का शौक था लेकिन उसके पिता उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे। उनके पिता का नाम ज्ञानेंद्र चंद गर्ग था जोकि पीडब्ल्यूडी में काम करते थे। ज्ञानेंद्र चंद की 5 बेटियां थीं तथा सबसे छोटी बेटी जिसे वो प्यार से लवली बुलाते थे, उनका सपना था कि वह उसे डॉक्टर बनते देखें। अंकना की स्कूली पढ़ाई उनके ही गांव के सरकारी स्कूल अमरपुर में हुई। अंकना बचपन से ही पढऩे में होशियार थीं। इसलिए उनके पिता ने मैट्रिक के बाद सीनियर सैकेंडरी स्कूल मिनर्वा घुमारवीं में अपनी लाडली को दाखिल करवा दिया। हालांकि एक साधारण-सी नौकरी करने वाले के लिए 5 बेटियों की पढ़ाई तथा उनकी शादियों का खर्च कर पाना आसान नहीं था लेकिन ज्ञानेंद्र चंद गर्ग ने जैसे-तैसे खुद तंग रहकर सभी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाई लेकिन वह अंकना को डॉक्टर बनते नहीं देख सके।

रिटायरमैंट से 15 दिन पहले हादसे में चली गई थी ज्ञानेंद्र की जान

प्लस टू पास करने के बाद अब बारी पिता के डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने की थी लेकिन इससे पहले कि अंकना डॉक्टर बन पातीं, उनके पिता अपने सपने को आंखों में लिए ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। अपनी रिटायरमैंट से महज 15 दिन पहले ही एक दुर्घटना में वह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

बड़े मामा ने उठाया पढ़ाई का खर्च, छोटी के लिए बड़ी बहन ने की प्राइवेट जॉब

पीडब्ल्यूडी की एक छोटी-सी नौकरी की पैंशन से घर का गुजारा कर पाना अब और भी कठिन हो गया था। ऐसे में उनके दोनों मामा ने सहायता की। बड़े मामा सीताराम शर्मा जो रिटायर्ड हैडमास्टर थे, उन्होंने अंकना को आगे पढ़ाने का जिम्मा उठाया क्योंकि घर का खर्च चलाना मुश्किल था, इसलिए बड़ी बहन नम्रता गर्ग ने प्राइवेट स्कूल में नौकरी करने का मन बना लिया। जैसे-तैसे घर का खर्च चलने लगा और प्लस टू पास करने के बाद स्कॉलरशिप व मामा के सहयोग से अंकना ने बीपीटी डिग्री करने के लिए देहरादून में दाखिला ले लिया। 4 साल की डिग्री पूरी करने के बाद अंकना ने मास्टर डिग्री करने के लिए पटियाला यूनिवर्सिटी में एमपीटी न्यूरो की डिग्री पूरी की। आज अंकना पेशे से एक न्यूरो फिजियोथैरेपिस्ट हैं। अंकना की न्यूरो विषय पर 5 पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें कुछ चर्चित पुस्तकें ट्रामैटिक ब्रेन इंजरी, हार्मोन एंड इट्स इफैक्ट इन बाड़ी, वर्टिकल वेस्टीबुलर स्टाइमुलेशन इन सीपी चिल्ड्रन शामिल हैं।

वर्ष 2019 में जीता मिस फेस ऑफ यूनिवर्स इंडिया का खिताब

मॉडलिंग और एक्टिंग लाइन में शुरू से ही अंकना की रुचि थी, साथ ही लोग उसकी वेशभूषा व व्यवहार को देखकर उसे अक्सर अपना करियर फिल्म लाइन में आजमाने को कहते थे। वर्ष 2019 में ही अंकना को अपना भाग्य आजमाने का मौका मिला और मिस फेस ऑफ यूनिवर्स इंडिया का खिताब अपने नाम कर लिया। खिताब जीतने के बाद उन्हें कई जगह से ऑफर मिलने लगे हैं। लॉकडाऊन के दौरान भी उन्होंने कई ऑनलाइन कम्पीटीशन में भाग लिया तथा अवार्ड जीते। वर्ष 2020 में ही उन्हें मिस्टर एंड मिसेज नॉर्थ इंडिया में जज बनने का अवसर मिला। आने वाले वक्त में डॉ. अंकना वीडियो सांंग्स, टीवी सीरियल, वैब सीरीज और मूवी में भाग्य आजमाने की तैयारी भी कर रही हैं।

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