हड़ताल पर गए 4 जिलों के 108 एम्बुलैंस कर्मियों पर एस्मा लागू, जानिए वजह (Video)

Edited By Ekta, Updated: 28 Jun, 2018 04:23 PM

सरकार ने हड़ताल पर गए 4 जिलों के 108 एम्बुलैंस कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। एस्मा लागू होने के बाद यदि ये कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। सरकार ने संबंधित जिलाधीशों को 108 एंबुलैंस को सुचारू तौर पर...

शिमला (प्रीति): सरकार ने हड़ताल पर गए 4 जिलों के 108 एम्बुलैंस कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। एस्मा लागू होने के बाद यदि ये कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। सरकार ने संबंधित जिलाधीशों को 108 एंबुलैंस को सुचारू तौर पर चलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि इस दौरान लोगों को दिक्कतें न हों, इसके लिए संबंधित जिलाधीशों व जे.वी.के. कंपनी को पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। एम्बुलैंस में अस्पतालों से फार्मासिस्ट लगाने को कहा गया है। इसके अलावा कंपनी को दूसरे राज्यों से एम्बुलैंस के लिए ड्राइवर बुलाने के निर्देश दे दिए गए हैं। 


स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यदि वीरवार तक कर्मी काम पर नहीं लौटते हैं तो कंपनी को उन्हें बर्खास्त कर दूसरे लोगों को काम पर रखने को कह दिया गया है। इसके साथ ही इन पर एम्बुलैंस वाहनों को रोकने की स्थिति में भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। गौर हो कि 25 जून से प्रदेश के शिमला, सोलन, चम्बा तथा सिरमौर जिलों में 108 एम्बुलैंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। चारों जिलों में 108 की 92 तथा 102 के 125 रोगी वाहन खड़े हैं। हड़ताल के चलते रोगी वाहनों के खड़ा होने से रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं आवश्यक सेवा अधिनियम के दायरे में आती हैं। सरकार की तरफ से पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज राय ने इन हड़ताली कर्मचारियों से बात की। 


पंकज राय का कहना है कि 108 व 102 के कर्मचारी सरकार के नहीं बल्कि जी.वी.के. के अधीन हैं। बावजूद इसके कर्मचारियों तथा रोगियों की दिक्कतों को देखते हुए इनसे बात की गई। बातचीत में कर्मचारियों से सरकार ने 10 दिन का वक्त मांगा। मिशन निदेशक से बातचीत के बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हड़ताली कर्मचारियों को बातचीत को बुलाया। बातचीत में कर्मचारियों का एक धड़ा शामिल हुआ। मालूम हुआ है कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों पर जी.वी.के. कंपनी के साथ बातचीत का भरोसा उन्हें देते हुए कहा कि जायज मांगों को मनवाने की कोशिश की जाएगी।


1200 कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने को तैयार
नैशनल एम्बुलैंस सर्विस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद का कहना है कि कर्मचारी अपनी मांगों पर अडिग हैं। इस कंपनी के साथ कर्मचारी काम करने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि 1200 कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने को तैयार हैं। एम्बुलेंस कर्मी न्यूनतम वेतन में 36 घंटे की डयूटी दे रहें हैं। मामले पर एक बार फिर कर्मी मुख्यमंत्री से मिलेंगे। 

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