अब इन फसलों को उगाने के लिए किसानों का सहारा बनेगी स्टैम कटिंग

Edited By kirti, Updated: 21 Aug, 2018 12:35 PM

stem cutting will help farmers to grow crops

खीरा, शिमला मिर्च तथा टमाटर के लिए महंगे बीजों का झंझट खत्म। स्टैम कटिंग तकनीक इन फसलों को उगाने के लिए किसानों का सहारा बनेगी। बीज न मिल पाने की परेशानी से किसान न केवल छुटकारा पाएंगे अपितु मनचाही किस्म के उत्पाद भी उगा पाएंगे। संरक्षित कृषि के लिए...

 

पालमपुर : खीरा, शिमला मिर्च तथा टमाटर के लिए महंगे बीजों का झंझट खत्म। स्टैम कटिंग तकनीक इन फसलों को उगाने के लिए किसानों का सहारा बनेगी। बीज न मिल पाने की परेशानी से किसान न केवल छुटकारा पाएंगे अपितु मनचाही किस्म के उत्पाद भी उगा पाएंगे। संरक्षित कृषि के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के संकर बीज अपर्याप्त हैं और पॉलीहाऊस उत्पादकों के लिए उपलब्ध ही नहीं है जबकि निजी क्षेत्र के संकर बीज महंगे हैं और कभी-कभी उत्पादकों को उपलब्ध भी नहीं हो पाते हैं। राज्य में संरक्षित कृषि की तरफ किसानों विशेषकर सब्जी उत्पादकों का रुझान बढ़ा है तथा एक अनुमान के अनुसार राज्य में वर्तमान में लगभग 30 हजार पॉलीहाऊस हैं। किसानों के इस बढ़ते रुझान के बावजूद किसानों को गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।

वही संरक्षित कृषि के अंतर्गत बहुत कम संकर किस्में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, जिसके कारण उत्पादकों के लिए बाजार में उपलब्ध संकर किस्मों को विकसित करने के लिए विकल्प सीमित हैं, ऐसे में स्टेम कलम टमाटर, शिमला मिर्च और खीरे में एक नई तकनीक है जो उत्पादकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकती है। कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा टमाटर, शिमला मिर्च और खीरे की स्टेम कलम कटिंग प्रौद्योगिकी विकसित की है । कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग के डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि परंपरागत बीज के उपयोग से खीरा, शिमला मिर्च तथा टमाटर उगाना काफी महंगा रहता है, वहीं किसानों को बीज की उपलब्धता भी आसानी से नहीं हो पाती, ऐसे में स्टैम कटिंग विधि इसका बेहतर व सस्ता विकल्प है।

हानिकारक कीटों बीमारियों की निगरानी करें किसान 
कद्दू वर्गीय सब्जियों की वर्षाकालीन फसलों में हानिकारक कीटों बीमारियों की निगरानी किसान करें, तथा बेलों को ऊपर चढ़ाने की व्यवस्था करें ताकि वर्षा से सब्जियों की लताओं को सडऩे से बचाया जा सके। विशेषज्ञों ने परामर्श दिया की जल निकासी का उचित प्रबंध किसान रखें वहीं फल मक्खी से प्रभावित फलों को तोड़कर गहरे गड्ढे में दबा दें तथा फल मक्खी के बचाव हेतु खेत में विभिन्न स्थानों पर गुड या चीनी के साथ मेलाथियान 10 प्रतिशत का घोल बनाकर छोटे कप या किसी और बर्तन में रख दें ताकि फल मक्खी का नियंत्रण हो सके। वही बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्रोरोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा पौधों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पीनोसेड कीटनाशक का छिड़काव करें।

 

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