Edited By Kuldeep, Updated: 11 Aug, 2024 11:34 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट सत्र में सांसद डा. सिकंदर कुमार ने हिमाचल के विभिन्न विकासात्मक व जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
शिमला (हैडली): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट सत्र में सांसद डा. सिकंदर कुमार ने हिमाचल के विभिन्न विकासात्मक व जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने संसद में प्रदेश से जुड़े 37 सवाल किए। उन्होंने बजट-2024 पर हुई चर्चा में तथा विशेष उल्लेख के 5 प्रस्तावों में हिस्सा लिया। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सिकंदर कुमार ने शिमला शहर के जाखू मंदिर से तारादेवी तक टिम्बर ट्रेल चलाने का मामला उठाया। साथ ही उन्होंने शिमला शहर में यातायात की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार से फ्लाई ओवर के निर्माण की भी मांग उठाई। उन्होंने प्रदेश से सम्बंधित अहम मसलों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए क्रियान्वयन की मांग की। उन्होंने रेल, फोरलेन, नैशनल हाईवे, सड़क, पर्यटन, इस्पात और वस्त्र उद्योग, नशा तस्करी व नशामुक्ति केंद्र, चिकित्सा संस्थानों, आयुष केंद्रों हाईड्रो प्रोजैक्टों, जलसंरक्षण और बाढ़ प्रबन्धन कार्यों इत्यादि से संबंधित सवालों पर केंद्र सरकार से जानकारी मांगी।
हिमाचल के इन जिलों में हैं यूरेनियम के भंडार
डा. सिकंदर ने हिमाचल में स्थित यूरेनियम भंडारों का मसला भी संसद में उठाया। उनके सवाल पर केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर, ऊना, शिमला व मंडी में 784 टन यूरेनियम के भंडार हैं। सिकंदर कुमार ने प्रदेश में यूरेनियम उपचार संयंत्र स्थापित करने की भी राज्यसभा में मांग उठाई। उन्होंने संसद में हिमाचल के हवाई अड्डों व हैलीपोर्ट को विकसित करने की भी मांग उठाई।
लाहौल-स्पीति में अगले साल स्थापित होगा डॉप्लर राडार
मौसम व आपदा पूर्वानुमान से जुड़े डा. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में संबंधित केंद्रीय मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में अगले वर्ष 2025 में केंद्र सरकार एक्स बैंड डॉप्लर राडार स्थापित करेगी। इससे मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी मिलेगी और मानसून सीजन व बर्फबारी में होने वाले नुक्सान को कम करने में मदद मिलेगी। रेलवे से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में किसी भी रेल फाटक में हादसा नहीं हुआ है।