Edited By Kuldeep, Updated: 20 Jun, 2025 06:44 PM

हिमाचल पुलिस का नशाखोरी पर कड़ा प्रहार जारी है। इसी कड़ी में बीते एक माह के दौरान प्रदेश में स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा विशेष अभियान के तहत 183 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 258 गिरफ्तारियां हुई हैं।
शिमला (राक्टा): हिमाचल पुलिस का नशाखोरी पर कड़ा प्रहार जारी है। इसी कड़ी में बीते एक माह के दौरान प्रदेश में स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा विशेष अभियान के तहत 183 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 258 गिरफ्तारियां हुई हैं। 5 मामलों में 2.69 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई और आगामी कानूनी प्रक्रिया जारी है। विशेष अभियान के तहत एसटीएफ द्वारा 33.59 किलोग्राम चरस, 1.08 किलोग्राम हैरोइन, 3.39 किलोग्राम अफीम, 2,415 गोलियां/ कैप्सूल, 28.07 ग्राम एम्फेटामाइन, 22.08 ग्राम केटामाइन, 41 इंजैक्शन, 10 बक्से व 0.28 ग्राम एलएसडी सहित अन्य मादक द्रव्य बरामद किए हैं। सरकार ने प्रदेश में नशे की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरैंस की नीति लागू की है। राज्य में नशे की समस्या को रोकने के लिए राज्य सरकार ने स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया है।
विभाग स्पैशल टास्क फोर्स और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के माध्यम से विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित कर नशीली दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता भी बढ़ा रहा है। इन अभियानों में स्कूलों और कालेजों के छात्रों को शामिल किया जाता है, जिन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या से निपटने के बारे में सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त नशा तस्करों को पकड़ने में मदद करने के लिए आम जनता को ड्रग फ्री हिमाचल एप और टोल-फ्री हैल्पलाइन नंबर 1908 का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बताए बिना आसानी से गोपनीय जानकारी प्रदान कर सकता है।
क्या बोले, डीजीपी अशोक तिवारी
प्रदेश पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने कहा कि नशे की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरैंस की नीति पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ और एएनटीएफ लगातार इस दिशा में काम कर रही हैं, साथ ही नशा तस्करी से जुड़े मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को भी जब्त किया जा रहा है।