मॉडल स्कूलों में सामान सप्लाई करने के नाम पर घोटाले का मामला

Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Mar, 2018 12:04 PM

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जिला सिरमौर के 10 मॉडल स्कूलों में एक फर्म द्वारा सामान सप्लाई किए जाने के दौरान किए गए घोटाले को लेकर प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इतना ही नहीं, उपनिदेशक उच्च शिक्षा सिरमौर द्वारा संबंधित स्कूलों...

नाहन: जिला सिरमौर के 10 मॉडल स्कूलों में एक फर्म द्वारा सामान सप्लाई किए जाने के दौरान किए गए घोटाले को लेकर प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इतना ही नहीं, उपनिदेशक उच्च शिक्षा सिरमौर द्वारा संबंधित स्कूलों को ई-मेल के माध्यम से निर्देश जारी किए गए हैं कि जो सामान फर्म द्वारा उपलब्ध करवाया गया है, उसे किसी भी सूरत में बदला न जाए। जैसा सामान उपलब्ध करवाया गया है, सामान को वैसे ही रखा जाए। यदि सामान बदला जाता है तो भी संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई होगी।  


क्या है मामला 
करीब एक साल पहले सरकार द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए जिला के 10 स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया गया था। जिला के हर विधानसभा क्षेत्र से 2 स्कूलों को चुना गया था, जिनमें नाहन से ब्वायज शमशेर स्कूल, त्रिलोकपुर स्कूल, पांवटा साहिब से कन्या स्कूल, अंबोया स्कूल, शिलाई से सतौन व शिलाई, पच्छाद से राजगढ़ व नारग तथा श्री रेणुका जी से संगड़ाह व भवाई को चुना गया था। इन स्कूलों में सरकार द्वारा छात्रों के लिए शिक्षा व खेलों से संबंधित विशेष सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 42 लाख रुपए का बजट उपलब्ध करवाया था। 


जिसमें से 21.50 लाख रुपए का बजट जारी भी हो चुका था। उसके बाद एक फर्म द्वारा स्कूलों को सामान उपलब्ध करवाया गया लेकिन जो सामान उपलब्ध करवाया गया, उसमें प्रिंट रेट कुछ है और बिल में रेट कुछ और। वहीं कुछ सामान पर तो दाम भी अंकित ही नहीं है। जिसके चलते लाखों रुपए का घोटाला हुआ है। जो मॉडल स्कूल बनाए गए हैं, उनमें पहले से भी कुछ सुविधाएं उपलब्ध थीं। ऐसे में जो सुविधाएं व सामान उनके पास उपलब्ध है, उसे भी उनके पास भेज दिया गया। उदाहरण के लिए कुछ स्कूलों में टेबल टैनिस के टेबल उपलब्ध हैं, बावजूद इसके अलग से टेबल भेज दिए गए। बास्केटबाल के पोल उपलब्ध हैं लेकिन फिर भी भेज दिए गए। 


सामान को खोला तक नहीं
जिला के चयनित 10 मॉडल स्कूलों को फर्म द्वारा 2-3 माह पूर्व सूची के अनुसार सामान उपलब्ध करवाया गया था। इनमें से कुछ स्कूलों ने तो सामान को पैक करके स्टोर आदि में रखा हुआ है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि सामान का फायदा क्या हुआ। उधर, सूत्रों की मानें तो जो सामान पैक है, उसे बदलने की कोशिश की जा रही है ताकि जांच से पहले सामान बदलकर बचा जा सके लेकिन इस बारे पहले ही स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

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