Chamba: घास काटते समय जहरीले कीड़े ने काटा, मां-बेटे की मौत

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Aug, 2024 11:38 PM

saluni poisonous insect mother and son death

जिले के सलूणी क्षेत्र की स्नूह पंचायत में घास काटते समय अज्ञात जहरीले कीड़े के काटने से मां व बेटे की मौत हो गई। दोनों की मौत 2 दिन के अंतराल में उपचार के दौरान हुई है।

सलूणी (शक्ति): जिले के सलूणी क्षेत्र की स्नूह पंचायत में घास काटते समय अज्ञात जहरीले कीड़े के काटने से मां व बेटे की मौत हो गई। दोनों की मौत 2 दिन के अंतराल में उपचार के दौरान हुई है। इससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। महिला को उसके पति, जबकि युवक को उसकी बहन ने मुखाग्नि दी। क्षेत्र में पहली बार किसी बहन ने अपने भाई को मुखाग्नि दी है। नावेदी ठाकुर उर्फ स्नेहा ने मुखाग्नि देने के साथ ही अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं। यह मंजर देख हर किसी की आंख नम थी। रेखा देवी पत्नी सुभाष निवासी गांव स्नूह अपने बेटे आशीष को लेकर खेतों से पशुओं के लिए चारा लेने गई।

वहां पर घास काटते रेखा को किसी अज्ञात कीड़े ने काट लिया, लेकिन रेखा को उस समय इसका एहसास नहीं हुआ। इसके बाद काटे घास को उसका बेटा आशीष अपने सिर पा उठाकर घर ले गया। करीब एक सप्ताह बाद मां रेखा और बेटे आशीष के शरीर पीले पड़ने लगे और बार-बार बुखार आने लगा। दोनों का स्थानीय अस्पतालों में उपचार करवाया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद सुभाष कुमार अपनी पत्नी और बेटे को मैडीकल कालेज चम्बा ले गया, जहां पर चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार देने उपरांत दोनों को दाखिल कर लिया। रेखा की बिगड़ती हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे मैडीकल कालेज टांडा रैफर कर दिया, जबकि आशीष अस्पताल में उपचाराधीन था। रक्षाबंधन के दिन रेखा ने बीमार हालत में अपने 2 भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। इसके बाद परिजन उसे मैडीकल कालेज टांडा ले जा रहे थे तो रास्ते में रेखा देवी ने दम तोड़ दिया।

परिजन उसके शव को पैतृक गांव स्नूह ले गए। इसी बीच चिकित्सक ने चम्बा में उपचाराधीन उसके बेटे आशीष को छुट्टी दे दी। जब आशीष घर पहुंचा तो मां को मृत देख उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई। आशीष के चाचा और परिजन आशीष को दोबारा मैडीकल कालेज चम्बा ले गए, जबकि सुभाष ने अपनी पत्नी को मुखाग्नि देकर दाह-संस्कार किया। एक तरफ पत्नी का दाह-संस्कार हो रहा था तो दूसरी तरफ सुभाष का बेटा आशीष चम्बा अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा था। चिकित्सक ने आशीष को प्राथमिक उपचार देने उपरांत उसे भी मैडीकल कालेज टांडा रैफर किया। आशीष के चाचा और रिश्तेदार उसे टांडा ले गए। टांडा मैडीकल कालेज पहुंचने के कुछ समय बाद आशीष कुमार ने भी दम तोड़ दिया।

उजड़ गया सुभाष का परिवार
सुभाष को पत्नी का दाह-संस्कार करने के चंद ही घंटे बाद ही बेटे की मौत की सूचना मिलते से उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। खुशी-खुशी जीवन-यापन कर रहे सुभाष का कुछ ही पलों में परिवार उजड़ गया। सुभाष ने अपनी पत्नी का दाह-संस्कार किया और हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक बाप अपने बेटे को मुखाग्नि और किरया-कर्म नहीं कर सकता। ऐसा करना दोष माना जाता है। ऐसी सूरत में सुभाष की बेटी नावेदी ने अपने भाई आशीष को मुखाग्नि दी। घर में एक तरफ सुभाष अपनी पत्नी रेखा का किरया-कर्म और दूसरी ओर नावेदी अपने भाई का किरया-कर्म करने का निर्णय लिया। आशीष बनीखेत पॉलीटैक्नीक कालेज में इलैक्ट्रिकल ट्रेड में शिक्षा ग्रहण कर रहा था।

रंजनी में भी लड़के की हो चुकी है मौत
इससे पूर्व भांदल पंचायत के रंजनी में कालू नामक व्यक्ति के बेटे-बेटी को भी घास काटते इस तरह के कीड़े ने काटा था और उसके बेटे की मौत हो गई, जबकि बेटी का उपचार करवाने पर बचा लिया था। बताया जा रहा है कि इस कीड़े के काटने से घाव नहीं होता है और इसके लक्षण का भी तीन-चार दिन के बाद पता चलते हैं। वह भी मैडीकल तौर पर परीक्षण के उपरांत पता लगता है। तब तक इस कीड़े के जहर का पूरे शरीर में असर फैल चुका होता है। लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार से मांग की है कि उक्त कीड़े का पता लगाया जाए और लोगों को इसके बचाव के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि लोग इस कीड़े के काटने पर तुरंत लक्षण का ज्ञान होते उपचार करवा सकें।

कार्यकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार सलूणी करतार चंद का कहना है कि इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। संबंधित क्षेत्र के पटवारी से वास्तविक स्थिति का पता लगाने पर ऐसा पाया जाता है तो प्रशासन नियम के तहत प्रभावित परिवार की हरसंभव सहायता करेगा।

 

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