मानसून सत्र : सदन में गूंजा सड़क हादसों का मुद्दा, जानिए परिवहन मंत्री ने क्या दिया जबाव

Edited By Vijay, Updated: 21 Aug, 2019 05:18 PM

road accidents issue in monsoon session

मानसून सत्र के तीसरे दिन नियम 130 के अंतर्गत सदन में प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सदन में चर्चा के लिए प्रस्ताव लाया। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश में लगातार सड़क...

शिमला (योगराज): मानसून सत्र के तीसरे दिन नियम 130 के अंतर्गत सदन में प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सदन में चर्चा के लिए प्रस्ताव लाया। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश में लगातार सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ौतरी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑप्रेटरों को लाभ दिलाने के लिए लगातार एचआरटीसी बसों की टाइमिंग में बदलाव किया जा रहा है, जिसके कारण लोग सरकारी बसों में न जाकर प्राइवेट बसों में जा रहे हैं। इससे प्राइवेट बसों में ओवरलोडिंग हो रही है। पांवटा और आसपास के क्षेत्रों में बसों की कमी पर उन्होंने कहा कि जिला में बस डिपो की कमी के कारण बसों की भारी कमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में आवश्यकता से अधिक बस डिपो हैं। उन्होंने पांवटा या आसपास के क्षेत्र में नया बस डिपो खोलने की भी मांग रखी।

2009 से 2018 तक हुए 31,000 के करीब सड़क हादसे : होशियार सिंह

वहीं देहरा के विधायक होशियार सिंह ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि प्रदेश में 2009 से 2018 तक 31,000 के करीब सड़क दुर्घटनाओं में 11,561 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा 55,000 के करीब लोग इन सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं। सदन में अधिकतर विधायकों ने ओवरलोडिंग और नशे की हालत में ड्राइविंग को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में ब्लैक स्पॉट और सड़क निर्माण में गुणवत्ता की कमी पर भी चिंता व्यक्त की गई।

विधायक राकेश जम्वाल ने सड़क निर्माण में गुणवत्ता का उठाया सवाल

सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल ने सड़क निर्माण में गुणवत्ता का सवाल उठाया। उन्होने कहा कि सड़क निर्माण के समय और पक्का करते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता है। उन्होने कहा कि अगर डीपीआर बनाती बार इसी बात को सुनिश्चित किया जाए तो सड़क निर्माण के समय सही गुणवत्ता को लागू किया जा सकता है। उन्होंने ट्रैफिक नियमों को भी सख्ती से लागू करने की बात कही। उन्होने कहा कि सुंदरनगर और आसपास के क्षेत्रों में अधिकतर दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों की होती हैं, ऐसे में अगर ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए तो दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने ड्राइविंग टैस्ट को भी सख्ती से लागू करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में रिक्तियों को जल्द भरा जाना चाहिए ताकि ड्राइवरों और कंडक्टरों पर से काम के बोझ को कम किया जा सके।

बेसहारा पशुओं के कारण होते हैं अधिकतर सड़क हादसे : राकेश पठानिया

विधायक राकेश पठानिया ने ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्यों में किए जा रहे समझौते पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे अनेक स्थान हैं, जहां पर हर साल डंगे लगते हैं और वही ठेकेदार हर साल डंगे लगाता है। उन्होंने कहा कि निचले क्षेत्रों में अधिकतर दुर्घटनाएं बेसहारा पशुओं के कारण होती हैं। बेसहारा पशु अधिकतर अचानक सड़क में आ जाते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं होती हैं और अधिकतर दुर्घटनाओं में युवाओं की मौत होती है। उन्होंने प्रदेश सरकार से बेसहारा पशुओं के समाधान की मांग रखी।    

ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करे पुलिस : जगत नेगी

चर्चा में भाग लेते हुए किन्नौर से विधायक जगत नेगी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में पुलिस प्रशासन का अहम रोल है अगर पुलिस सख्ती से ट्रैफिक नियमों को लागू करती है तो दुर्घटनाओं पर लगाम लगना निश्चित है। उन्होंने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी है। इसके अलावा प्रकाश राणा व विक्रमादित्य सिंह ने भी चर्चा में भाग लिया।

हिमाचल में लगातार बढ़ रहे पब्लिक व नॉन पब्लिक ट्रांसपोट वाहन : गोविंद ठाकुर

लंबी चर्चा के बाद परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने जबाव में कहा कि हिमाचल प्रदेश में  2 लाख 67 हजार पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन हैं जबकि 13 लाख 86 हजार 500  नॉन पब्लिक वाहन हैं, जिनका कुल जोड़ 16 लाख  54 हजार 326 बनता है जो लगातार बढ़ रहे हैं। वर्ष 2017 में 1888 सड़क हादसे हुए, जिनमें 779 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर अब तक 1753 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 658 लोगों की मौत हुई है। सड़क सुरक्षा में बेसहारा पशु भी जिम्मेदार हंै, जिसको लेकर ग्रामीण स्तर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। अब हादसों की जांच के लिए मैजिस्ट्रेट जांच के साथ विशेषज्ञ की सहायता भी ली जाएगी।

ब्लैक स्पॉट, क्रैश बैरियर व पैरापिट पर होगा काम

उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पॉट, क्रैश बैरियर व पैरापिट पर काम किया जाएगा। यदि इसमें कोई कमी पाई गई तो संबंधित लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। इसके अलावा जो भी जरूरी कदम होंगे उठाए जाएंगे। बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। 134 नए रूट प्राइवेट ऑप्रेटरों को दे रहे हैं। कुछ एक जगहों पर 15 से 20 सीटर छोटी मैक्सी कैब चलाने पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश को जल्द 100 नई इलैक्ट्रॉनिक बसें भी मिलेंगी। चालक व परिचालक की कमी को दूर किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

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