अब नशेड़ियों की नहीं खैर, नशे के खिलाफ संशोधित एक्ट सदन में पास

Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2018 07:41 PM

revised acts against the intoxicant passed in the house

अब थोड़ी मात्रा में भी नशा पाया जाने पर जमानत का प्रावधान नहीं होगा। विधानसभा ने एन.डी.पी.एस. के संशोधित एक्ट को पास कर दिया है। अब इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। संशोधित एक्ट के मुताबिक अब नशे की थोड़ी मात्रा पाए जाने पर भी जमानत...

तपोवन (धर्मशाला) (सुरेन्द्र): अब थोड़ी मात्रा में भी नशा पाया जाने पर जमानत का प्रावधान नहीं होगा। विधानसभा ने एन.डी.पी.एस. के संशोधित एक्ट को पास कर दिया है। अब इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। संशोधित एक्ट के मुताबिक अब नशे की थोड़ी मात्रा पाए जाने पर भी जमानत नहीं मिलेगी। कोर्ट में सरकारी वकील की दलीलों को सुना जाएगा, उसके बाद ही जमानत पर न्यायालय फैसला लेगा। लंबी चर्चा के बाद मुख्यमंत्री द्वारा एन.डी.पी.एस. के संशोधित विधेयक को पास कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले कुछ सदस्यों ने इसके दुरुपयोग के संबंध में आशंकाएं जताईं और भांग को नई संशोधित एक्ट से बाहर रखने का आग्रह भी किया लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोई तो ठोस पहल करनी होगी। विवशता में फैसला लेना पड़ा है क्योंकि युवा पीढ़ी नशे के दलदल में फंसती जा रही है।

भांग की खेती को कानूनी दर्जा दिए जाने की उठाई मांग

इससे पहले कांग्रेस के विधायक ठाकुर रामलाल ने कहा कि निश्चित रूप से कानून को कड़ा किया जाना जरूरी है लेकिन जमीनी स्तर पर भी इससे होने वाले दुष्परिणामों पर विचार होना चाहिए। उन्होंने जांच एजैंसियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। कांग्रेस विधायक ने कहा कि सिंथैटिक ड्रग्स के मामले में तो यह कानून ठीक है लेकिन भांग के मामले में यह न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे अनेक साधु संत भी जेलों में पहुंच जाएंगे। उन्होंने भांग की खेती की अनुमति दिए जाने की मांग की ताकि इसका उपयोग दवाइयों सहित अन्य कार्यों में हो सके।

कहीं नए एक्ट के दायरे में फंस न जाएं भोले-भाले लोग

कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ने कहा कि नए संशोधित बिल की वजह से टूरिस्ट भी जमानत के चक्कर में घूमते हुए नजर आएंगे। भांग को इस नए कानून के दायरे से बाहर रखने की मांग करते हुए विधायक ने कहा कि नए एक्ट के दायरे में कहीं भोले-भाले लोग न फंसते चले जाएं।

पहले इसे समिति के पास भेजा जाए नया एक्ट

विधायक ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी मांग की है कि नए एक्ट को पास करने से पहले इसे समिति के पास भेजा जाए ताकि समिति भांग को अलग रखकर सिंथैटिक ड्रग के मामलों को ही इसमें शामिल करें। सुक्खू ने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि प्रदेश में जगह-जगह होने वाली भांग की वजह से लोग जेलों में पहुंच जाएं। विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि नया कानून स्वागत योग्य है। इसमें भांग हो या कोई और नशीले पदार्थ शामिल हों, किसी को भी जमानत नहीं मिलनी चाहिए। विधायक ने कहा कि पहले युवा भांग के सूटे लगाते हैं और बाद में इसमें फंसते चले जाते हैं।

80 प्रतिशत नशा तस्करों को है पुलिस की पनाह

विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कठोर कानून की बेहद आवश्यकता है और कानून में संशोधन होना चाहिए। चौहान ने कहा कि इसके साथ सरकार को यह तय करना चाहिए कि बॉर्डर एरिया पर 15-15 वर्षों से तैनात पुलिस कर्मियों को बदल कर दूसरी जगह भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत नशा तस्करों को पुलिस की पनाह प्राप्त होती है। विधायक ने कहा कि जब भी कोई मामला पकड़ा जाता है तो निश्चित रूप से नशेड़ी शरण लेने के लिए विधायकों को फोन करते हैं। राजनीतिक तौर पर ऐसे किसी भी व्यक्ति को शरण नहीं मिलनी चाहिए।

वर्तमान संशोधन से फंसेंगे बेगुनाह

विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सबसे खतरनाक नशे के रूप में चिट्टे के लिए एन.डी.पी.एस. की जगह कोई और सख्त कानून और धाराएं बनाई जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान संशोधन से बेगुनाह फंसेंगे। उन्होंने सरकार से इस पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया।

धवाला बोले-नए एक्ट पर सरकार करे विचार

विधायक रमेश धवाला ने कहा कि नए संशोधित कानून की वजह से जेलें भर जाएंगी। थोड़ी-थोड़ी भांग पाए जाने पर भी उन्हें जमानत नहीं मिलेगी। यहां तक कि उनका भविष्य भी खराब होगा। धवाला ने आग्रह किया है कि सरकार इस पर विचार करे और कोई नया रास्ता निकाले। इस मामले पर विधायक नरेंद्र ठाकुर तथा मोहन लाल बरागटा ने भी अपने विचार रखे।

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