परवाणु के 32 उद्योगों को रिकवरी नोटिस जारी, पढ़ें पूरी खबर

Edited By kirti, Updated: 16 Nov, 2019 10:15 AM

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औद्योगिक क्षेत्र परवाणु के 32 उद्योग बिजली बोर्ड के 62.09 लाख रुपए के बिल पर पिछले 10 वर्ष से भी अधिक समय से कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। ये उद्योग पीक लोड चार्जिज का भुगतान करने का नाम नहीं ले रहे हैं। विधानसभा की पी.ए.सी. ने बिजली बोर्ड परवाणु मंडल...

सोलन (पाल): औद्योगिक क्षेत्र परवाणु के 32 उद्योग बिजली बोर्ड के 62.09 लाख रुपए के बिल पर पिछले 10 वर्ष से भी अधिक समय से कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। ये उद्योग पीक लोड चार्जिज का भुगतान करने का नाम नहीं ले रहे हैं। विधानसभा की पी.ए.सी. ने बिजली बोर्ड परवाणु मंडल को इन उद्योगों से जमा न की गई बिल की 62.09 लाख रुपए की राशि की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। यही कारण है कि बिजली बोर्ड ने इन सभी उद्योगों को रिकवरी नोटिस जारी कर दिया है। कई उद्योगों ने वर्ष 2003 से इस बिल का भुगतान नहीं किया है।

इन उद्योगों का यह बिल पीक लोड समय का है। औद्योगिक क्षेत्र में पीक लोड समय शाम 7 से 10 बजे तक होता है। इन 3 घंटों में बिजली का रेट प्रति यूनिट आम समय से अधिक होता है। उस समय यह रेट 5.67 रुपए प्रति यूनिट था। वर्ष 2003 से वर्ष 2010 के बीच में जब इन उद्योगों में आधुनिक इलैक्ट्रॉनिक मीटर लगे, उस समय का यह बिल पैंडिंग चला हुआ है। विदित रहे कि बिजली बोर्ड ने उद्योगों में पीक लोड समय व रात के समय में विद्युत की कितनी यूनिट खपत हुई, इसका पता करने के लिए यह मीटर लगाए थे। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2001 के आसपास उद्योगों में यह मीटर लगने शुरू हुए थे। जिन उद्योगों ने इस बिल का भुगतान नहीं किया है उनकी औद्योगिक इकाइयों में वर्ष 2003 से 2010 के बीच में यह मीटर स्थापित हुए थे।

हालांकि इन उद्योगों ने उस समय बिजली के बिल का भुगतान किया है लेकिन उसमें पीक लोड चार्जिज का भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले को ए.जी. ऑफिस द्वारा किए गए ऑडिट में पकड़ा गया था। इसका पैरा भी लगा हुआ है। इन सभी उद्योगों ने पीक लोड समय में 11,44,250 यूनिट बिजली खर्च की है जिसकी राशि 64,87,896 रुपए थी। इन उद्योगों को बिजली के बिल में रात के समय मिलने वाली रियायत का लाभ भी मिला है। इस पर बिजली के बिल में 4,59,956 लाख रुपए की रियायत मिली है। इसके बाद बिल की राशि घटकर 60,27,940 रुपए हो गई। 3 फीसदी का टैक्स लगने के बाद पैंडिंग बिल की राशि 62.09 लाख रुपए हो गई।

सूत्रों का कहना है कि रात 10 बजे के बाद बिजली की खपत करने पर प्रति यूनिट पर 20 पैसे की रियायत भी प्रदान की जाती थी। इन उद्योगों को 4.60 लाख रुपए की रियायत भी मिली। ऑडिट पैरा लगने के बाद भी बिजली बोर्ड इन उद्योगों से 62.09 लाख रुपए के पैंडिंग बिल की रिकवरी करने में विफल रहा है। हालांकि बिजली बोर्ड ने बिल की रिकवरी के लिए उद्योगों को कई नोटिस जारी किए लेकिन बिल का भुगतान नहीं हुआ। अब विधानसभा की पी.ए.सी. ने बिजली बोर्ड को इसकी रिकवरी करने के आदेश दिए जिसके बाद बोर्ड ने इन सभी उद्योगों को रिकवरी नोटिस जारी कर दिए हैं।

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