Edited By Kuldeep, Updated: 24 Jun, 2024 04:38 PM
बरसात शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग ने स्कूूलों को एडवाइजरी जारी की है, साथ ही नदी-नालों के समीप बने स्कूलों का स्टेटस भी मांगा गया है।
शिमला (प्रीति): बरसात शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग ने स्कूूलों को एडवाइजरी जारी की है, साथ ही नदी-नालों के समीप बने स्कूलों का स्टेटस भी मांगा गया है। जो स्कूल पिछले वर्ष बरसात की वजह से तबाह हुए हैं, उन स्कूलों की भी रिपोर्ट देने को कहा गया है। पिछले वर्ष भारी बारिश से 1,000 से अधिक स्कूलों को नुक्सान पहुंचा था। इनमें से 400 से अधिक ऐसे स्कूल थे, जिनके भवन पानी में बह गए थे या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे। पिछले वर्ष हुई भारी बारिश से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग ने पहले ही स्कूलों को अलर्ट कर दिया है। इस दौरान जो स्कूल या कालेज संवेदनशील जगहों पर हैं, उनका पूरा ब्यौरा भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिला उपनिदेशक अपने अधीन आने वाले स्कूलों की पूरी जानकारी विभाग को भेजेंगे।
ऐसे में जो स्कूल असुरक्षित जगह पर हैं, वहां के छात्रों को पहले ही किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। गौर हो कि बीते वर्ष बरसात में कई स्कूलों के भवन बाढ़ में ढह गए। कई स्कूल भवनों में दरारें पड़ गई थीं, तो कहीं स्कूल कैंपस में डंगे ढह गए थे। ऐसे में सरकार ने शिक्षा विभाग को असुरक्षित स्कूलों की जानकारी भेजने को कहा है, ताकि बरसात शुरू होने से पहले इस बारे पुख्ता इंतजाम किए जा सकें। जानकारी के अनुसार ऐसे भी सैंकड़ों स्कूल हैं, जो पिछली बरसात में आंशिक रूप से डैमेज हुए थे। विभाग ने उन सभी स्कूलों की रिपोर्ट भी मंगवा ली है।
बरसात से पहले स्कूलों को संबंधित सभी तैयारियां करने के आदेश : शिक्षा मंत्री
रोहित ठाकुर का कहना है कि मामले पर शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है, साथ ही असुरक्षित स्कूलों की रिपोर्ट भी मांगी गई है। यदि स्कूल कहीं असुरक्षित जगह पर हैं तो वहां के छात्रों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने को कहा गया है। बरसात से पहले स्कूलों को संबंधित सभी तैयारियां पूरी करने को भी कहा गया है। इसके बाद भी यदि लापरवाही सामने आती है तो मामले पर सख्त कार्रवाई होगी।