Edited By Ekta, Updated: 10 Jul, 2018 04:41 PM
राजधानी शिमला में जहां एक तरफ बरसात का मौसम अपने चरम पर पहुंच रहा है, वहीं इसमें होने वाला नुक्सान भी बढ़ता जा रहा है। शिमला में हरे और सूखे पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी है। लेकिन लापरवाह सरकार व नगर निगम ने खतरनाक बन चुके पेड़ों को काटने की अभी तक...
शिमला (राजीव): राजधानी शिमला में जहां एक तरफ बरसात का मौसम अपने चरम पर पहुंच रहा है, वहीं इसमें होने वाला नुक्सान भी बढ़ता जा रहा है। शिमला में हरे और सूखे पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी है। लेकिन लापरवाह सरकार व नगर निगम ने खतरनाक बन चुके पेड़ों को काटने की अभी तक मंजूरी तक नहीं दी है। कुछ दिन शांत रहने के बाद सोमवार रात शिमला में भारी बारिश हुई।
इस बरसात से हालांकि यहां किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है लेकिन बेम्लोई में गिरे पेड़ ने पीडब्ल्यूडी भवन को भारी नुक्सान पहुंचाया है। जड़ से उखड़े पेड़ ने बिजली की तारों सहित पानी की पाइपलाइन को भी अपनी चपेट में ले लिया और बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। साथ ऊपरी मंजिल में बने सरकारी मकानों के अंदर रखे सामान को भी तोड़ डाला है। गनीमत यह रही कि समय रहते ऊपरी मंजिल में रह रहे लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई।
वहीं मेयर कुसुम सदरेट का कहना है कि निगम शिमला को पेड़ गिरने की सूचना मिली है जिसको हटवाने के लिए लेबर भेज दी है। उन्होंने बताया कि शिमला में 300 पेड़ ऐसे हैं जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, जिनको जल्द कटवाने के आवेदन भी आए हैं। निगम ने पेड़ काटने की मंजूरी के लिए फाइल सरकार को भेज दी है, जब मंजूरी मिलेगी पेड़ काट दिए जाएंगे।