हिमाचल सरकार ने और अधिक सख्त धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश किया

Edited By PTI News Agency, Updated: 12 Aug, 2022 08:25 PM

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शिमला, 12 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मौजूदा धर्मांतरण रोधी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक शुक्रवार को पेश किया गया जिसमें मौजूदा कानून में सजा बढ़ाने का और ‘सामूहिक धर्मांतरण’ के उल्लेख का प्रावधान है।

शिमला, 12 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मौजूदा धर्मांतरण रोधी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक शुक्रवार को पेश किया गया जिसमें मौजूदा कानून में सजा बढ़ाने का और ‘सामूहिक धर्मांतरण’ के उल्लेख का प्रावधान है।

हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 में और अधिक कड़े प्रावधान शामिल किये गये है।

हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2019 को 21 दिसंबर 2020 को ही अधिसूचित किया गया था। इस संबंध में विधेयक 15 महीने पहले ही विधानसभा में पारित हो चुका था। 2019 के विधेयक को भी 2006 के एक कानून की जगह लेने के लिए लाया गया था जिसमें कम सजा का प्रावधान था।

जयराम ठाकुर नीत भारतीय जनता पार्टी द्वारा पेश नये संशोधन विधेयक में बलपूर्वक धर्मांतरण के लिए कारावास की सजा को सात साल से बढ़ाकर अधिकतम 10 साल तक करने का प्रस्ताव है।

विधेयक में प्रावधान प्रस्तावित है कि कानून के तहत की गयी शिकायतों की जांच उप निरीक्षक से निम्न दर्जे का कोई पुलिस अधिकारी नहीं करेगा। इस मामले में मुकदमा सत्र अदालत में चलेगा।

हिमाचल प्रदेश के धर्मांतरण कानून में प्रावधान है कि यदि कोई धर्म बदलना चाहता है तो उसे जिलाधिकारी को एक महीने का नोटिस देना होगा कि वे स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर रहे हैं।


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