हिमाचल में कौशल विकास भत्ते के नाम पर निजी संस्थान ऐसे लगा रहे चूना, पढ़ें खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Sep, 2017 01:33 AM

private institutions fraud in name of skill development allowance in himachal

प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण देने के लिए 1326 संस्थान मौजूद हैं लेकिन ये संस्थान अपने काम को कितनी ईमानदारी के साथ अंजाम दे रहे हैं....

चम्बा: प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण देने के लिए 1326 संस्थान मौजूद हैं लेकिन ये संस्थान अपने काम को कितनी ईमानदारी के साथ अंजाम दे रहे हैं, इस बात की जांच करने के लिए प्रदेश का रोजगार विभाग अधिकृत तो है लेकिन उसके पास ऐसे संसाधन मौजूद नहीं है, जिनके माध्यम से यह विभाग अपने इस कार्य को नियमित रूप से अंजाम दे सके। हालांकि पिछले वर्ष श्रम एवं रोजगार मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के साथ ऊना में प्रदेश के रोजगार अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें इस बात को उठाया गया था कि उक्त अधिकारियों के पास वाहन सुविधा नहीं होने के चलते वे चाहते हुए भी अपने जिला में मौजूद सभी कौशल विकास भत्ते के आधार पर चल रहे केंद्रों का निरीक्षण नहीं कर पा रहे हैं।

प्रदेश में 1,326 केंद्रों में मिल रहा युवाओं को प्रशिक्षण
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई थी कि प्रदेश में कई ऐसे निजी संस्थान हैं जोकि रोजगार अधिकारियों के पास वाहन न होने का फायदा उठा रहे हंै। पुख्ता जानकारी के अनुसार प्रदेश में इस समय कुल 1,326 ऐसे केंद्र चले हुए हैं जोकि कौशल विकास भत्ते के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इनमें से कई ऐसे निजी संस्थान हैं जोकि प्रशिक्षण के नाम पर आधे से अधिक बच्चों के नाम फर्जी भरकर मोटी कमाई कर रहे हैं तो कई ऐसे संस्थान हैं जोकि बच्चों की उपस्थिति कागजों में तो दर्शा रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि आधे से अधिक प्रशिक्षु मौके पर पहुंचते ही नहीं हैं जबकि उनके माध्यम से संस्थानों को हर माह सरकार द्वारा कौशल विकास भत्ता दिया जा रहा है। यानी हर माह प्रदेश में लाखों रुपए का गड़बड़झाला हो रहा है लेकिन महज रोजगार अधिकारियों को वाहन सुविधा न मिलने के चलते ऐसे संस्थानों पर विभाग नुकेल कसने में खुद को असहज पा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थिति के चलते बस में सवार होकर इन निजी प्रशिक्षण केंद्रों की जांच करना संभव नहीं है। उधर, अधिकारियों का कहना है कि मंत्री ने उनकी मांग को पूरा करने का जो आश्वासन दिया है, उसके पूरा होने का उन्हें बेसब्री के साथ इंतजार है। वहीं रोजगार विभाग शिमला के उपनिदेश के.के. शर्मा का कहना है कि विगत वर्ष ऊना में आयोजित हुई बैठक में यह मांग जिला रोजगार अधिकारियों ने मंत्री के समक्ष उठाई थी। सरकार के ध्यान में यह मामला है। जहां तक औचक निरीक्षणों की बात है तो अधिकारी वर्ग समय-समय पर इस प्रक्रिया को अंजाम देता रहता है। 

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