Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2019 06:38 PM
मंडी जिला के द्रंग विधानसभा हलके के गांव गवारडू (9 मील) से संबंध रखने वाले प्रषुम्न ने भारत सरकार की प्रतिष्ठित स्पेस एजैंसी इसरो (ISRO) में वैज्ञानिक/इंजीनियर के पद पर आनी सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं।
मंडी (नीरज): मंडी जिला के द्रंग विधानसभा हलके के गांव गवारडू (9 मील) से संबंध रखने वाले प्रषुम्न ने भारत सरकार की प्रतिष्ठित स्पेस एजैंसी इसरो (ISRO) में वैज्ञानिक/इंजीनियर के पद पर आनी सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। प्रषुम्न का चयन दिसम्बर, 2018 में आई.आई.टी. कानपुर में कैंपस प्लेसमैंट के दौरान ही हो गया था जहां पर वह एम.टैक. कर रहे थे। उन्होंने अपनी बी.टैक. भी इसी संस्थान से की है। गौरतलब है कि प्रषुम्न के पिता घनश्याम भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी हैं जबकि माता ऋतु सुमन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला साहल में अंग्रेजी के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं।
बेटे की ज्वाइनिंग पर माता-पिता ने जताई खुशी
बेटे प्रषुम्न के देश के एकमात्र व अतिप्रतिष्ठित संस्थान ईसरो में ज्वाइनिंग देने पर खुशी जताते हुए माता-पिता ने बताया कि प्रषुम्न ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आई.टी.बी.पी. के रिकांगपिओ किन्नौर स्थित स्कूल से शुरू की थी जबकि उसके बाद सरस्वती विद्या मंदिर मंडी, डी.ए.वी. सैंटेनरी पब्लिक स्कूल मंडी तथा जीनियस इंटरनैशनल स्कूल नेरचौक में 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की। आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उसका चयन कानपुर के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग में हुआ।
मैकेनिकल इंजीनियर बनना था लक्ष्य
प्रषुम्न का शुरू से ही लक्ष्य मैकेनिकल इंजीनियर बनना था, जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। आखिर में वह इस मुकाम तक पहुंच गए। प्रषुम्न अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व अध्यापकों के साथ-साथ अपने स्वर्गीय नाना को देते हैं जो उन्हें बचपन में अब्दुल कलाम कहा करते थे। प्रषुम्र अब्दुल कलाम के जीवन से प्रभावित हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं।