Edited By Jyoti M, Updated: 16 Apr, 2025 10:07 AM
कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने हिमाचल दिवस पर ऊना में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला ऊना के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी लेने के...
ऊना। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने हिमाचल दिवस पर ऊना में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला ऊना के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी लेने के उपरांत जिला वासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर विकासात्मक योजनाओं पर झांकियां निकाली गई तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
प्रो. चंद्र कुमार ने अपने संबोधन में ऊना जिलावासियों को हिमाचल दिवस की बधाई दी और हिमाचल के गठन और विकास में योगदान देने वाले सभी महान नायकों की पुण्य स्मृतियों को नमन किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 8 माह बाद, 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी रियासतों के विलय के साथ हिमाचल केंद्र शासित चीफ कमीश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था। उन्होंने तब से अब तक कि हिमाचल की विकास गाथा में प्रदेश में समय-समय पर रही कांग्रेस सरकारों के योगदान का उल्लेख किया।
20 करोड़ से लगेगा आलू प्रोसेसिंग प्लांट
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से कृषि क्षेत्र से जुड़ी है। इसके दृष्टिगत सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। ऊना में लगभग 20 करोड़ की लागत से आलू प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में इस संदर्भ में घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऊना में आलू की अच्छी पैदावार होती है और यहां का आलू देशभर में प्रसिद्ध है। यहां आलू प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना से स्थानीय किसानों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के आलू उत्पादकों को भी सीधा लाभ होगा। प्लांट में आलू के विविध उत्पाद, ग्लूकोज, चिप्स सहित अन्य प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे। इससे न केवल स्थानीय कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम मिलेगा बल्कि किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।
प्राकृतिक खेती की गेहूं 60 और मक्की 40 रुपये प्रति किलो की एमएसपी पर खरीदेगी सरकार
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में खेती बाड़ी और पशुपालन के ढांचे में बदलाव के लिए काम कर रही है। इस प्रकार की कृषि व्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयास हैं जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत बने। हमारी कोशिश है कि फसलों में रयासनों के प्रयोग को कम करके प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन मिले। इससे युवाओं किसानों का रूझान भी प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ेगा तथा प्रदेश जहरमुक्त खेती को छोड़ प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तय किया है कि प्राकृतिक रूप से तैयार मक्की को अब 30 रुपये की बजाए 40 रुपये प्रति किलो और गेहूं को 40 रुपये की जगह 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा। यह न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। इसके माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए आय सृजन के नए स्रोत बनेंगे।
दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का एकमात्र राज्य है हिमाचल
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला हिमाचल देश का एकमात्र राज्य है। प्रदेश सरकार ने दो सालों के भीतर दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 7 से 8 रूपये तक बढ़ोतरी की है। सरकार ने गाय के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध को 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर किया है। इससे दूध उत्पादन और व्यापार से जुड़े प्रदेश के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। इसके साथ दूध आधारित कारोबार की व्यवस्था को विकसित करने के लिए कांगड़ा में 230 करोड़ से मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जा रहा है जोकि दो वर्षों के भीतर बनकर जनता को समर्पित किया जाएगा।
गोबर खरीद योजना से पशुपालकों को लाभ
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गोबर खरीद योजना आरंभ करके किसानों पशुपालकों से किया अपना एक और वायदा पूर्ण किया है। सरकार ने किसानों से 2 और 3 किलो के हिसाब से गोबर खाद की खरीद की व्यवस्था की है। इसकी पैकेजिंग तथा वितरण का कार्य एक निजी कम्पनी को सौंपा गया है। इससे कृषि और बागवानी फार्मिंग के साथ-साथ नर्सरी क्षेत्र में गोबर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलाने और परदर्शी विपणन के लिए सभी मंडियों को ऑनलाईन सेवा से जोड़ा गया है। किसानों के हित सरकार के लिए सर्वोपरि है और उनसे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों में लोगों को 10 गारंटियां दी थीं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली समेत अनेक बड़े एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। वहीं सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना आरंभ करके पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा भी पूरा कर दिया है।
6,000 निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक पारित होने के बाद राज्य के 6,000 निराश्रित बच्चों को अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा मिला है। मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशीलता के चलते हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सरकार 27 वर्ष की आयु तक के निराश्रित बच्चों के माता-पिता की भूमिका में रहकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के बाद मकान बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन भी उपलब्ध करवाएगी।
बुजुर्गों को घर द्वार पर चिकित्सीय सुविधा
कृषि मंत्री ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदान की जा रही चिकित्सीय सुविधाओं में भी काफी सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं जिनका सीधा लाभ प्रदेश के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के 70 वर्ष की आयु से ऊपर वाले बुजुर्गों को घर द्वार पर चिकित्सीय सुविधा मुहैया करवाने के लिए नीति बनाएगी जिससे डॉक्टरों द्वारा घर द्वार जाकर चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
हिमाचल से पक्षपात कर रही मोदी सरकार
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हिमाचल के हितों की अनदेखी कर प्रदेश के साथ पक्षपात कर रही है। उन्होंने कहा कि धन आबंटन में बीजेपी राज्यों के मुकाबले कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद घातक है। उन्होंने कहा कि केंद्र में बीजेपी के शासनकाल में राज्यों के अधिकारों और उनका हिस्सा देने में आनाकानी करने की खतरनाक परिपाटी उभरी है जो बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस के शासन काल में कभी भी राजनीति के आधार पर राज्यों से भेदभाव नहीं किया गया। यूपीए सरकार के समय जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब गुजरात में आई भयंकर भूकंप आपदा में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पूरी उदारता के साथ गुजरात की मदद की थी। लेकिन मोदी के शासनकाल में राजनीति के उदार चरित्र को पीछे धकेल दिया गया और हिमाचल में भयंकर आपदा के समय भी केंद्र सरकार ने प्रदेश की मदद करने में हाथ पीछे खींच लिए।
कर्मवीरों का सम्मान
इस मौके कृषि मंत्री ने समाज जीवन में उत्कृष्ट योगदान देने वाली संस्थाओं, प्रेरणादायी व्यक्तित्वों और विभिन्न विभागों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया। उन्होंने गरीबों, जरुरतमंद बच्चों की शिक्षा में असाधारण योगदान के लिए सनराइज़ एजुकेशन सोसाइटी ऊना को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। संस्था की ओर से सचिव महेंद्र पाल डोगरा ने यह प्रशस्ति पत्र ग्रहण किया। इससे पहले, कृषि मंत्री ने एमसी मार्च ऊना में स्थित शहीद स्मारक में माल्यार्पण कर अमर बलिदानियों को नमन किया।
यह रहे उपस्थित
कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा, चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू, हिमाचल प्रदेश एससी आयोग के अध्यक्ष कुलदीप धीमान, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रणजीत राणा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अशोक ठाकुर, उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान सहित अन्य अधिकारी, स्कूलों के बच्चे, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में ऊना शहरवासी उपस्थित रहे।