कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर फिर हावी होने लगी सियासत, पढ़ें ये खबर

Edited By Vijay, Updated: 10 Jan, 2020 04:48 PM

poltics on kangra airport extension

कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर फिर सियासत हावी होने लगी है। केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरह प्रदेश की सबसे बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजना एयरपोर्ट भी अब राजनीति का शिकार होकर न रह जाए। हवाई अड्डे के विस्तार और यहां अधिक से अधिक सुविधाएं लाने के...

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर फिर सियासत हावी होने लगी है। केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरह प्रदेश की सबसे बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजना एयरपोर्ट भी अब राजनीति का शिकार होकर न रह जाए। हवाई अड्डे के विस्तार और यहां अधिक से अधिक सुविधाएं लाने के लिए प्रयास करने वाले नेता भी अब इस मामले पर सवाल उठाने लगे हैं। पिछले दिनों विधानसभा में 2 विधायकों के कांगड़ा को छोड़कर पठानकोट हवाई अड्डे की पैरवी करने और अब कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए आंदोलन करवाने के पीछे की मंशा पर कई सवाल उठ रहे हैं।
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जे एंड के और लेह-लद्दाख के लिए अति जरूरी समझे जाने वाले कांगड़ा एयरपोर्ट के महत्व को सेना भी पहले ही हरी झंडी दे चुकी है, ऐसे में अब सारी व्यवस्थाएं पूरी होने को हैं। एयरपोर्ट का विस्तारीकरण कर इसे 3010 मीटर तक ले जाने का प्रक्रिया चल रही है तो वहीं अब इसके विस्तारीकरण को लेकर इसमें राजनीतिकरण की बू भी आने लगी है, जिस पर भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे पहले ही कांगड़ा के लिए प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय करीब एक दशक से राजनीति का शिकार हुआ पड़ा है। दरअसल जो भी सरकार सत्ता में आती है वो सबसे पहले सैंट्रल यूनिवर्सिटी के विवाद को समाप्त कर इसे बनाने का दाबा करती है। जयराम सरकार ने भी जल्द काम शुरू करने का दावा किया था लेकिन अभी जमीन संबंधी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। वहीं ऐसा ही हाल कांगड़ा एयरपोर्ट के भी होने के संकेत मिलने लगे हैं।
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दरअसल पिछले दिनों भाजपा के 2 विधायकों के ये बयान आना कि कांगड़ा में पठानकोट के हवाई अड्डे से काम चलाया जा सकता और अब इसके विस्तारीकरण की राह में रोड़ा अटकाने के लिए कुछ स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलन करवाने के पीछे जो सियासत शुरू हुई है, इन सबके पीछे एक बड़ा सियासी प्रोपेगंडा माना जा रहा है। चूंकि कांगड़ा के सियासी गलियारों में कांग्रेस तो कांग्रेस अब भाजपा के नेता भी दबी जुवान में सवाल उठाने लग गए हैं कि कहीं कांगड़ा के एयरपोर्ट के विस्तार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मंडी में एयरपोर्ट निर्माण की महत्वकांक्षी परियोजना का आड़े न आ जाए और इसका हश्र भी धर्मशाला के केंद्रीय विश्वविद्यालय की मानिद ही हो जाए। हाल ही में भाजपा सांसद ने कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए किए जा रहे प्रयासों के पीछे सियासत की बू आने के संकेत दिए थे। हालांकि उनका दावा ये भी था कि उनकी सरकार इसे हर हाल में बनाएगी।
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उधर, कांग्रेस के बरिष्ठ नेता जीएस बाली का कहना है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक्ता अनुशार भूमि ली जानी चाहिए। किसी को नाजायज तंग नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर राजनीति कर कांगड़ा से भेदभाव करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। ऐसा कर सरकार हिमाचल के पर्यटन और यहां की अर्थव्यवस्था को नुक्सान पहुंचाने का काम कर रही है।
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कांगड़ा के सियासी गलियारों में एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर उठ रहे सवालों से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी अनभिज्ञ नहीं हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपना सियासी दांव फैंकते हुए एक बार फिर ये राग आलाप दिया है कि अगर कहीं एयरपोर्ट विस्तार की संभावना है तो वो कांगड़ा में ही है इसके अलावा कहीं नहीं।

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