Edited By Vijay, Updated: 05 Nov, 2023 07:55 PM

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में लोगों का झुकाव पारम्परिक लोकल व्यंजनों की तरफ रहा। इस बार उत्सव में लोग सवा 2 करोड़ के सिड्डू और कचौरी खा गए। मक्की व कोदरे की रोटी और साग ने अलग से बाजार लूटा।
मक्की, कोदरे की रोटी और साग ने भी अलग से लूटा बाजार
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में लोगों का झुकाव पारम्परिक लोकल व्यंजनों की तरफ रहा। इस बार उत्सव में लोग सवा 2 करोड़ के सिड्डू और कचौरी खा गए। मक्की व कोदरे की रोटी और साग ने अलग से बाजार लूटा। दरअसल अब लोग ऐसे व्यंजन घरों में कम बना रहे हैं और उत्सव में ऐसी खाने की चीजों के लोग कायल हुए। उत्सव समिति ने 100 के करीब दुकानें उन लोगों को दी हैं, जिन्होंने लोगों को खाना खिलाया। इनमें 70 के करीब दुकानों में सिड्डू व कचौरी के साथ अन्य खाने-पीने की चीजें भी हैं, वहीं इनमें अधिकतर दुकानें चाइनीज फूड की हैं। दुकानदारों ने बताया कि सिड्डू और कचौरी की खूब सेल हुई। अखरोट व पोस्त सहित अन्य चीजों के सिड्डू व कचौरी को खाकर लोगों ने चटकारे लिए। चटनी व लिंगड़ के अचार के साथ इन पारम्परिक व्यंजनों का लोगों ने आनंद लिया। दशहरा उत्सव में आए कारोबारियों ने बताया कि इस बार शासन-प्रशासन ने पारम्परिक व्यंजनों व अन्य खाने के सामान के लिए प्रदर्शनी मैदान को चुना। इससे मैदान में भीड़ बढ़ गई। खाने के कुछ ढाबे कलाकेंद्र के नीचे की तरफ भी लगे। उस दायरे में कोदरे, मक्की की रोटी व साग के लिए लोगों की कतारें लगी रहीं वहीं सिड्डू व कचौरी के दम पर कारोबारियों ने खूब कमाई की।

यह भी एक कारण
मक्की व कोदरे की रोटी के बारे में जानकार बताते हैं कि ये रोटियां लकड़ी जलाने के बाद सुलगते कोयलों के ऊपर अच्छी तरह पकती हैं। उत्सव में इसी अंदाज में रोटियां परोसी गईं। सिड्डू व कचौरी को आटे से तैयार किया जाता है। लोग अब हैल्थ काॅन्शियस हो गए हैं और मैदे को ज्यादा तरजीह नहीं दे रहे हैं। इसलिए आटे से बनी चीजों को ही पसंद कर रहे हैं। यहां तक कि मैगी भी आटे से बनी हुई ही मांग रहे हैं, क्योंकि आटा डाइजैस्टिंग सिस्टम को ठीक रखता है। सिड्डू व कचौरी वालों ने बताया कि इन व्यंजनों से 3-3 लाख रुपए की सेल हुई। सारे खर्चे काटकर उत्सव में अब तक एक-एक लाख रुपए से अधिक की कमाई की, साथ में खाने की अन्य वस्तुएं भी बेचीं, उनसे भी पैसा कमाया।
क्या कहते हैं राजस्व अधिकारी कुल्लू
जिला राजस्व अधिकारी कुल्लू डाॅ. गणेश ठाकुर ने बताया कि सिड्डू व कचौरी सहित अन्य खाने की चीजें बेचने वालों और ढाबा वालों को 100 के करीब प्लाट दिए हैं। सिड्डू-कचौरी अधिकतर बिक रहे हैं। जो चाइनीज फूड बेचते हैं वे सिड्डू व कचौरी के साथ अन्य चीजें भी बेच रहे हैं। यहां तक जो चाय, कॉफी व सैंडविच बेच रहे हैं, उन्होंने भी ऑप्शनली सिड्डू-कचौरी, भाजी व पूरी आदि रखे हैं। किसी एक ही खाने की चीज से ग्राहक नहीं टिकते। इसलिए कारोबारियों ने हर तरह के व्यंजन रखे हैं।
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