Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2023 05:38 PM

हिमाचल में पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में 1571 पार्ट टाइम वर्कर (आऊटसोर्स) आधार पर तैनात किए थे, जिनको मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
शिमला (योगराज): हिमाचल में पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में 1571 पार्ट टाइम वर्कर (आऊटसोर्स) आधार पर तैनात किए थे, जिनको मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके चलते पार्ट टाइम वर्कर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मंगलवार को शिमला में धरना दिया और मांग की कि जल शक्ति विभाग में इनकी सेवाओं को सरकार बहाल करे, साथ ही इनके लिए कोई स्थायी नीति बनाने की मांग की।
पार्ट टाइम वर्कर यूनियन के अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि 5 से 12 साल तक प्रदेश में पार्ट टाइम वर्कर आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। इनको 300 से लेकर 3500 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं लेकिन 30 दिसम्बर, 2022 को कंपनी का टैंडर खत्म हो गया। बावजूद इसके विभाग ने 3 महीने तक इनकी सेवाएं लीं और उसके बाद काम पर आने से मना कर दिया। समस्त कर्मचारियों ने कोरोना जैसी महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया बावजूद इसके अब सरकार ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि उनको किसी नीति के तहत काम पर रखा जाए और उनको 7 से 8000 रुपए तक मानदेय दिया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ सकता है।
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