निजी स्कूलों की मनमानी पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा, जमकर की नारेबाजी

Edited By Vijay, Updated: 09 Dec, 2020 05:30 PM

parent protest in out of school gate

मौहल इलाके में बुधवार को एक निजी स्कूल के बाहर अभिभावकों ने धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। स्कूल के गेट के पास अभिभावक एकत्रित हुए और भड़ास निकाली। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक बिफरे और उनका गुस्सा फूट पड़ा।

कुल्लू (शम्भू): मौहल इलाके में बुधवार को एक निजी स्कूल के बाहर अभिभावकों ने धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। स्कूल के गेट के पास अभिभावक एकत्रित हुए और भड़ास निकाली। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक बिफरे और उनका गुस्सा फूट पड़ा। कोरोना काल में निजी स्कूली फीस के साथ अन्य फंडों की अदायगी को लेकर अभिभावकों पर दबाव डाल रहे हैं। कई निजी स्कूल तो यहां तक कह रहे हैं कि हमें सरकार ने बस किराया भी वसूलने के लिए कहा है। अभिभावकों पर एहसान जताते लहजे में निजी स्कूल कह रहे हैं कि हम बसों का किराया तो वसूल ही नहीं रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों की इस प्रकार की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दर्जनों अभिभावक बुधवार को मौहल में निजी स्कूल के खिलाफ लामबंद हुए। स्कूल का नाम लेकर अभिभावकों ने जमकर नारेबाजी की।

अभिभावकों को आ रहे धमकी भरे संदेश

कुछ निजी स्कूल ऐसे भी हैं जो अभिभावकों को धमकी भरे संदेश भेज रहे हैं। मौहल इलाके के ही एक अन्य नामी निजी स्कूल और कुल्लू शहर के एक नामी निजी स्कूल ने तो गु्रप से ही कई बच्चों के अभिभावकों को रिमूव कर दिया है। अभिभावकों का कसूर इतना रहा कि वे स्कूल प्रबंधन द्वारा वसूली जा रही मनमानी फीस की कोरोना काल में अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। हैरानी वाली बात यह है कि इन्हीं वाटसएप ग्रुपों के माध्यम से बच्चों की आन लाइन कक्षाएं लग रही हैं। अभिभावकों का स्कूल प्रबंधन से कहना है कि जब बच्चे स्कूल ही नहीं जा रहे हैं तो उनसे जायज फीस ली जाए। कई निजी स्कूल प्रबंधनों को बच्चों की पढ़ाई की चिंता कम और फीस की वसूली की चिंता अधिक है।

इतने वर्षों तक की कमाई का क्या किया

कुल्लू के बुद्धिजीवियों में शाम चंद ठाकुर, एनके शर्मा, पुरुषोतम शर्मा, मनोज कुमा शर्मा, ज्ञान चंद, अनिल शर्मा, कुबेर सिंह और हीरा लाल ठाकुर ने कहा कि कई निजी स्कूल पिछले दो तीन दशकों से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक इन निजी स्कूलों ने खूब कमाई की होगी तो कोरोना काल में अभिभावकों को थोड़ी छूट देने में क्या हर्ज है। जो फंडज लिए जाते हैं उनसे तो स्कूलों की ही संपति बढ़ाई जाती है। बच्चे जब स्कूल से पढ़ाई पूरी करके निकलेंगे तो यह चल अचल संपति तो स्कूल प्रबंधन की ही रहेगी। इसलिए ऐसे नाजुक दौर में अभिभावकों से इस प्रकार की ज्यादतियां बर्दाश्त नहीं होंगी।

कुल्लू में भी उपनिदेशक निजी स्कूलों से करें बैठक

लोगों का कहना है कि शिमला में शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूलों के मुखियों को बुलाकर उनसे बैठक की है और उन्हें फीस का मसला 15 दिन में सुलझाने को कहा है। इसी के साथ यह भी पूछा कि कोरोना काल में अभिभावकों को वे क्या राहत दे रहे हैं। इसी प्रकार कुल्लू में भी शिक्षा उपनिदेशक  निजी स्कूलों के मुखियों के बुलाएं और उनसे बात करें तथा फीस, फंड्स के मसलों को तुरंत निपटाने को कहें। शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूल प्रबंधनों को दो टूक कहा है कि अभिभावकों को धमकी भरे संदेश भेजना भी बंद करें। 

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