Himachal: 11 वर्ष की आयु में कर दिया बड़ा कारनामा, देश में हासिल किया पहला स्थान

Edited By Kuldeep, Updated: 13 May, 2025 05:58 PM

palampur kashvi a great feat

वंडर गर्ल काशवी ने मात्र 11 वर्ष की आयु में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली। इतनी कम आयु में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली काशवी सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत देश की पहली विद्यार्थी बन गई है।

पालमपुर (भृगु): वंडर गर्ल काशवी ने मात्र 11 वर्ष की आयु में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली। इतनी कम आयु में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली काशवी सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत देश की पहली विद्यार्थी बन गई है। सीबीएसई द्वारा घोषित दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में काशवी ने 91 प्रतिशत अंक प्राप्त कर यह उपलब्धि अर्जित की। काशवी ने इंग्लिश विषय में 89, गणित में 93, हिंदी में 88, विज्ञान में 92 तथा सोशल साइंस में 82 अंक अर्जित किए हैं। काशवी का जन्म 12 मार्च, 2014 को हुआ था। काशवी असाधारण प्रतिभा की धनी रही है तथा उन्हें 3 वर्ष की आयु में ही भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत के पड़ोसी राज्य, सौरमंडल तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी थी। वर्तमान में काशवी नॉन मैडिकल के साथ जमा एक की कक्षा में अध्यनरत है।

154 पाया गया था आईक्यू स्कोर
बौद्धिक स्तर के पैमाने पर भी चमत्कारी पाई गई थी। वर्ष 2021 में बीकेटी यानि की बिनट कामट टैस्ट में काशवी का आईक्यू स्कोर 13 वर्ष आयु का पाया गया था। यद्यपि काशवी की आयु मात्र 7 वर्ष थी। काशवी के परिजनों के आग्रह पर किए गए बीकेटी में विशेषज्ञों की टीम ने उसका आईक्यू स्कोर 154 पाया है, जो 13 वर्ष की आयु के बच्चे के मानसिक स्तर का था। बताया जाता है कि करोड़ों में एक का आईक्यू स्कोर 147 का स्तर पाया जाता है जबकि काशवी का आईक्यू का स्तर इससे भी अधिक है। क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला में काशवी के आईक्यू स्तर की जांच की गई थी, जिसमें उसे जीनियस चाइल्ड की श्रेणी में आईक्यू के आधार पर आंका गया था। लगभग इतनाा ही आई क्यू स्कोर प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्टटआइंस्टीन का पायाा गया था।

लॉकडाऊन के दौरान सामने आई थी प्रतिभा
घर अपनी अनूठी मेधा के चलते काशवी ने लॉकडाऊन के दौरान घर पर रहते हुए न केवल तीसरी कक्षा की पढ़ाई पूरी की अपितु चौथी व 5वीं कक्षा के पाठ्यक्रम को भी पूरा कर लिया। इसके पश्चात भी काशवी ने अगली कक्षाओं की पढ़ाई जारी रखी। 7 वर्ष की आयु में जब काशवी 8वीं कक्षा की परीक्षा देना चाहती थी परंतु नियम उसके आड़े आ गए। नियमानुसार 12 वर्ष की आयु में ही 8वीं की परीक्षा दी जा सकती है। न्यायालय से मिले आदेशों के पश्चात कुछ स्तरीय टीम की देखरेख में काशी का टैस्ट लिया गया तथा इसके पश्चात उसे आठवीं कक्षा में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। ऐसे में काशवी ने इस चुनौती को भी दृढ़ता से पर पाया तथा 9 वर्ष की आयु में 91.6 प्रतिशत अंकों के साथ आठवीं की कक्षा उत्तीर्ण की थी।

ऐसे निर्धारित होता है आईक्यू स्कोर
आईक्यू स्कोर रेंज के अनुसार 80 से 89 का स्कोर औसत बुद्धिमता से कम माना जाता है तथा लगभग 15.7 प्रतिशत जनसंख्या में यह स्कोर औसतन पाया जाता है। 90 से 110 का स्कोर एवरेज इंटैलीजैंस की श्रेणी में आता है तथा 51.6 प्रतिशत जनसंख्या इसके अंतर्गत आती है। औसत इंटैलीजैंट से अधिक 111 से 120 का आईक्यू 15.7 प्रतिशत जनसंख्या में, जबकि 121 से 130 को रेंज गिफ्टड माना जाता है तथा मात्र 6.4 फीसदी जनसंख्या ही इसकी रेंज के अंतर्गत आती है।

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