Edited By kirti, Updated: 12 Feb, 2019 12:19 PM
राजधानी शिमला के ट्रैफिक पर सदन में पक्ष-विपक्ष ने चिंता जताई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान विधायक रमेश धवाला की तरफ से पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि शहर में रोजाना औसतन 1,65,878 वाहन चलते हैं, जबकि वर्ष, 2005 में यह आंकड़ा 66,617...
शिमला : राजधानी शिमला के ट्रैफिक पर सदन में पक्ष-विपक्ष ने चिंता जताई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान विधायक रमेश धवाला की तरफ से पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि शहर में रोजाना औसतन 1,65,878 वाहन चलते हैं, जबकि वर्ष, 2005 में यह आंकड़ा 66,617 था। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रधान सचिव परिवहन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि शहर में वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। वर्ष, 2005 में शिमला में 31,228 वाहन पंजीकृत थेे, जिनकी संख्या आज बढ़कर 77,939 हो गई है। शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन के लिए रोप-वे निर्माण पर विचार किया जा रहा है। इस तरह शहर से बाहर बड़ी पार्किंग के निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
हालांकि आई.एस.बी.टी. टूटीकंडी के निर्माण से थोड़ी राहत मिली है लेकिन टूटीकंडी व सचिवालय के समीप बनी पार्किंग का पूरी तरह उपयोग नहीं हो पा रहा है। लोग पार्किंग की बजाय सड़कों पर ही वाहन खड़ा करते हैं। इसी तरह सैलानी भी टूटीकंडी पार्किंग में वाहन खड़ा न करके शिमला में ही अपने वाहन लेकर आते हैं। इसके लिए लोगों की मानसिकता को बदलना जरूरी है। फिर भी सरकार ने शहर में यातायात की समस्या को दूर करने के लिए एक दीर्घकालीन शिमला ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान तैयार कर रही है, जिसके लिए प्रधान सचिव परिवहन की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
उन्होंने कहा कि शिमला अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल है, जिस कारण यहां सैलानियों की अधिक आवाजाही होती रहती है। इसके तहत मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा-115 तथा 117 के तहत संबंधित जिलाधीश को शक्तियां प्रदान की गई हैं, जिनके तहत यातायात व्यवस्था के लिए आदेश जारी किए जाते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जिला प्रशासन, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग तथा पुलिस विभाग के संयुक्त निरीक्षण के उपरांत 69 स्थल सुधार एवं चौड़ा करने के लिए चिन्हित किए गए थे, जिनमें से 30 स्थलों का सुधार किया जा चुका है और 12 स्थलों के सुधार का कार्य प्रगति पर है।
शिमला पुलिस की तरफ से यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए शहर को 8 सैक्टरों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रत्येक सैक्टर में एक अराजपत्रित कर्मचारी तथा पर्याप्त स्टाफ तैनात किया गया है। शहर में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए 74 सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगे हैं व बंधित व प्रतिबंधित मार्गों पर यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए मार्च, 2018 में आबंटित किए गए हैं। इससे पहले विधायक रमेश धवाला ने यातायात समस्या के निवारण के लिए भारी वाहनों पर पाबंदी लगाने तथा शोघी-मैहली सड़क को चौड़ा करने की मांग की।