अब एक आंख से देख सकेंगे दो लोग, IGMC में नई तकनीक से होगा इलाज

Edited By Simpy Khanna, Updated: 21 Sep, 2019 11:35 AM

now two people will be able to see with one eye

नेत्र रोग चिकित्सा के क्षेत्र में जल्द ही बड़ी सफलता मिलने वाली है। जी हां अब एक आंख से दो लोग दुनिया देख सकेंगे। आई.जी.एम.सी. में जल्द ही नई तकनीक के साथ यह इलाज संभव हो सकेगा। इससे लोगों को काफी फायदा होगा।

शिमला (जस्टा) : नेत्र रोग चिकित्सा के क्षेत्र में जल्द ही बड़ी सफलता मिलने वाली है। जी हां अब एक आंख से दो लोग दुनिया देख सकेंगे। आई.जी.एम.सी. में जल्द ही नई तकनीक के साथ यह इलाज संभव हो सकेगा। इससे लोगों को काफी फायदा होगा।

कैसे होगा इलाज

आई.जी.एम.सी. में शीघ्र ही ऑटोमैटिड माइक्रो केरेटॉन मशीन लगाई जाएगी। इस मशीन की सबसे बड़ी बात तो यह है कि इससे पहले एक डोनर की एक आंख एक ही ब्लाइंड व्यक्ति को ही लग पाती थी, लेकिन अब आई.जी.एम.सी. में जल्द ही एक आंख दो लोगों को लगाई जा सकेगी। यह मशीन एक कॉर्निया के दो हिस्से करेगी जिसके बाद एक आंख आसानी से दो लोगों को लगाई जा सकेगी, जिससे वह आसानी से दुनिया देख सकेंगे।

प्रशासन ने मशीन को स्थापित करने का निर्णय लिया है।
आई.जी.एम.सी. के आई डिपार्टमैंट ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सरकार ने भी इसमें रुचि दिखाई है। जल्द ही यह प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही यह मशीन आई.जी.एम.सी. में स्थापित कर दी जाएगी। उसके बाद यहां पर चिकित्सक कई लोगों को रोशनी दे सकेंगे। यह माइक्रो मशीन करीब 30 लाख रुपए की है। प्रदेश के मैडीकल कालेजों में अब तक इस तरह की मशीन नहीं है। ऐसे में यहां पर मशीन आने के बाद वेटिंग में चल रहे नेत्रहीन लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी वेटिंग जल्दी खत्म होगी।

आई बैंक को अब तक मिली 320 आंखें

आई.जी.एम.सी. में अब तक 320 आंखें नौ साल में आई बैंक को मिल पाई हैं। इन्हें 255 लोगों को लगा दिया गया है। इसके अलावा अभी भी 150 लोग वेटिंग में हैं। इस मशीन के लगने के बाद जहां एक आंख दो लोगों को लग पाएगी, वहीं यहां पर लंबी वेटिंग भी खत्म हो सकेगी। आई.जी.एम.सी. में सबसे अधिक आंखें 2016 में 95 लोगों की आई थीं। उसी साल 72 लोगों को आंखों की रोशनी भी दी गई थी। 1147 लोग ऐसे हैं जिन्होंने आई.जी.एम.सी. में आंखें दान करने के लिए अपना प्रतिज्ञा पत्र भरा है।

आई.जी.एम.सी. के आई डिपार्टमैंट के एच.ओ.डी. डॉ. राम लाल ने कहा कि अभी तक डोनर की एक आंख एक ही व्यक्ति को लग पाती है मगर ऑटोमैटिड माइक्रो केरेटॉन मशीन के लगने के बाद इस मशीन से आंखों के कॉर्निया के दो हिस्से किए जाएंगे। इन दो हिस्सों को दो ब्लाइंड लोगों को लगाया जाएगा। एक आंख के कार्निया के दो हिस्से होने के बाद भी आसानी से दिखाई देता है।

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