अब प्रदेश में नहीं खुलेंगे नए कॉलेज: सुरेश भारद्वाज (Watch Video)

Edited By Ekta, Updated: 28 Jul, 2019 02:44 PM

प्रदेश में अब नए कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में बहुत अधिक जरूरत हुई तभी कॉलेज खोलने पर विचार किया जाएगा। यह बात शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने धर्मशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला के बाद पत्रकार वार्ता में कही।...

धर्मशाला (सौरभ): प्रदेश में अब नए कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में बहुत अधिक जरूरत हुई तभी कॉलेज खोलने पर विचार किया जाएगा। यह बात शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने धर्मशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला के बाद पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सूबे में अब साक्षरता कोई समस्या नहीं रही है, बल्कि अब शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। कॉलेजों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है जिसे सुधारने की जरूरत है। भारद्वाज ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की बीच सत्र में सेवानिवृत्ति नहीं होगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न होगी। 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व वीरभद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में रेवड़ियों की तरह शिक्षण संस्थान खोले। पूर्व सरकार ने अक्तूबर, 2017 में बिना बजट प्रावधान के 21 नए कालेज खोल दिए थे। इनमें से 16 कॉलेजों का संचालन किया जा रहा  है जबकि 5 कॉलेजों को विद्यार्थी न होने के कारण बंद कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिमालयी राज्यों के लिए एक अलग शिक्षा नीति बनाने का विचार भी सामने आया है। इसके लिए जल्द ही सैमीनार आयोजित करने पर मंथन चल रहा है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार प्राथमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षा संस्थानों में 5-3-3 के फार्मूले पर विचार कर रही है।

इस फार्मूले में प्राथमिक शिक्षा को 5 भागों में बांटा जाएगा, जिसके तहत 3 साल प्री-प्राइमरी और 2 साल पहली व दूसरी कक्षा में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। प्री-प्राइमरी में 4 साल आयु के बच्चे को दाखिला दिया जाएगा। इसके बाद प्राइमरी में तीसरी से पांचवीं और एलीमैंटरी में 5वीं से 8वीं कक्षा को शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगस्त माह से सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री हरित विद्यालय अभियान का आगाज किया जाएगा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा विभाग में प्रस्तावित ट्रांसफर पॉलिसी में प्रदेश किसी भी दूसरे प्रदेश के मॉडल की नकल नहीं करेगा। 

अध्यापकों को अपने बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाने से रोक नहीं सकते

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनका विभाग सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने से रोक नहीं सकता है। यह अध्यापकों के अपने विवेक के ऊपर है कि वे अपने बच्चों को किस स्कूल में शिक्षा दिलवाएं। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें सरकारी अध्यापकों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाना अनिवार्य हो और न ही सरकार का ऐसा कोई कानून बनाने का इरादा है। भारद्वाज ने सवाल के उत्तर में यह भी कहा कि शिक्षा विभाग के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है कि कितने सरकारी अध्यापक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

प्री-प्राइमरी स्कूलों में आंगनबाड़ी मर्ज करने पर विचार

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 3391 स्कूलों में बीते साल और 350 स्कूलों में इस साल प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई हैं। प्राथमिक स्कूलों में जगह उपलब्ध होने पर आंगनबाड़ी और प्री-प्राइमरी कक्षाएं एक साथ चलाने का प्रयास किया जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!