अब वाहन चालकों को Driving License बनाना नहीं होगा आसान

Edited By Ekta, Updated: 11 Aug, 2019 04:18 PM

now driving drivers will not be easy to make driving license

अब नए वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसैंस बनाना आसान नहीं होगा। ड्राईविंग लाईसैंस उसी वाहन चालक होगा जो वाहन चलाने में पूरी तरह से निपुण होगा। उसे ही परिवहन विभाग लाइसैंस जारी करेगा। विभाग द्वारा शिमला में ड्राइविंग टैस्ट प्रकिया को जटिल बनाने जा रहा...

शिमला (राजेश कौंडल): अब नए वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसैंस बनाना आसान नहीं होगा। ड्राईविंग लाईसैंस उसी वाहन चालक होगा जो वाहन चलाने में पूरी तरह से निपुण होगा। उसे ही परिवहन विभाग लाइसैंस जारी करेगा। विभाग द्वारा शिमला में ड्राइविंग टैस्ट प्रकिया को जटिल बनाने जा रहा है। इस प्रकिया में न तो किसी अधिकारी की सिफारिश चलेगी और न ही जान पहचान। ड्राइविंग टैस्ट के लिए शिमला में ऑटोमैटिक ड्राइविंग टैस्टिंग टै्रक बनाया जाएगा और इसी टै्रक में गाड़ी चलाने के बाद और ट्रैक पास करने के बाद ही ड्राइविंग लाइसैंस मिलेगा।   

शिमला में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाने के लिए विभाग की ओर जगह तलाशने का कार्य शुरू कर दिया है। लेकिन यह टै्रक शिमला में दूसरे चरण में बनाया जाएगा। पहले चरण में विभाग द्वारा जसूर, कांगड़ा और बद्दी में ऑटोमैटिक ड्राइविंग टैस्टिंग का कार्य पूरा किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार इनके कार्य पूरा होती ही शिमला में ट्रैक बनाया जाएगा। इसमें खास बात यह भी रहेगी कि इसमें हर रोज ड्राइविंग टैस्ट होंगे। ड्राइविंग टैस्ट के लिए लंबी तारिखों का इंतजार नहीं करना होगा। इस ट्रैक के बनने के बाद ड्राइविंग लाईसैंस बनाने वालों को अच्छी तरीके से ड्राइविंग सिखनी होगी,तभी उनका लाईसैंस बन सकेगा। 

इस तरह के होंगे ट्रैक

ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक पर 8 अंक के आकार का ड्राइविंग टै्रक पर ट्रायल होगा। इस ट्रैक पर लाइसैंस बनाने वाले को वाहन चलाना होगा। इस टै्रक पर सैंसर भी लगे होंगे यही गाड़ी ट्रैक से बाहर जाती है तो सैंसर बजना शुरू होगा और व्यक्ति इसमें फेल हो जाएगा। वहीं यह ट्रैक इंग्लिश के वर्ल्ड एच की तरह भी होगा। इसके अतिरिक्त ट्रैक पर पहली बार करीब 5 फुट की चढ़ाई पर गाड़ी ले जानी होगी। गाड़ी चढ़ाते समय यदि गलत दिशा पर जाती है तो सैंसर बजने लगेेंगे। ट्रैक पर तीसरे टैस्ट में गाड़ी को एक बार सीधा और तीरछा भी पार्क करना होगा। 

ट्रैक पर लगे होंगे ऑटोमैटिक मॉनिटर, ट्रैक पर फेल तो फेल

ड्राइविंग लाइसैंस टैस्ट के नए ऑटोमैटिक ट्रैक पर ऑटो मॉनिटर होंगे। यह मॉनिटर टैस्ट देने वाले को बताएंगे कि उसने  टै्रक पर टैस्ट देते हुए कितनी बार गलती की और जिस वजह से  वह फेल हुए। ट्रैक पर टैस्ट देते हुए लाइसैंस धारक एक बार फेल हो जाता है तो उसे फेल माना जाएगा। उसके दूसरो मौका नहीं दिया जाएगा। वहीं उसे दूसरी बार टैस्ट की तिथि लेकर फिर से टैस्ट देना होगा। 

सड़कों पर उतरेंगे ट्रेंड ड्राइवर, हादसों में आएगी कमी

प्रदेश में नए ट्रैक स्थापित होने से सडक़ों पर ट्रेंड ड्राइवर ही उतरेंगे, जिससे प्रदेश में हादसों में भी कमी आएगी। वहीं सिफारिशों से बन रहे लाईसैंस बनना भी बंद होंगे, क्योंकि ड्राइविंग लाईसैंस के लिए टैस्ट भी अनिवार्य होगा। जिला शिमला में भी ऑटोमैटिक ड्राइविंग टैस्टिंग ट्रैक बनाया जाएगा। प्रदेश में प्राथमिक चरण में जसूर, कांगड़ा और बद्दी में यह ट्रैक बनाए जा रहे हैं। वहीं दूसरे चरण में शिमला में यह ट्रैक बनेगा इसके लिए शिमला में जगह तलाशी जा रही है। इस टै्रक बनने से ड्राइविंग लाइसैंस प्रक्रिया मुश्किल भी होगी और उसी व्यक्ति का लाइसैंस बनेगा जो गाड़ी चलाने में पूरी तरह से निपुण हो।

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