Edited By prashant sharma, Updated: 17 Aug, 2020 04:53 PM
प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि महंगाई और महामारी से जूझ रही प्रदेश की जनता को अब डबल इंजन ने धोखा दे दिया है। मीडिया में छपी रपटों के मुताबिक अब पहली सितंबर से केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश को मिलने वाली कोरोना...
हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि महंगाई और महामारी से जूझ रही प्रदेश की जनता को अब डबल इंजन ने धोखा दे दिया है। मीडिया में छपी रपटों के मुताबिक अब पहली सितंबर से केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश को मिलने वाली कोरोना टेस्टिंग किटों पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले प्रदेश में जितने भी कोरोना टेस्ट हो रहे थे, उनकी किटस केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश सरकार को दी जाती थी। ऐसे में जब कोरोना का कहर पूरे प्रदेश में प्रचंड है और केंद्र सरकार द्वारा कोरोना टेस्टिंग किटों को देने से मना कर दिया है तो जाहिर तौर पर साफ है कि महामारी और महंगाई से जूझ रही जनता पर ही पड़ेगा। प्रदेश सरकार जो मर्जी दावे कर ले, लेकिन यह तय है कि आफत जनता के लिए ही होगी। पहले से तमाम विकास कार्यों को रोककर बैठी कंगाली के दौर में पहुंची प्रदेश सरकार के राज में अब निश्चित तौर पर कोरोना संदिग्ध लोगों की सैंपलिंग कम होगी।
फ्री कोरोना टेस्ट किट न मिलने से प्रदेश में कोरोना का कहर और बढ़ेगा। फिर सरकार कोई नया जुमला बोलेगी, लेकिन यह तय है कि जनता की आफत महामारी के बीच और बढ़ने वाली है। कोविड से पहले कर्जे के पहाड़ के नीचे दबी सरकार अब प्रदेश की जनता के लिए कोई नई नोटिफिकेशन लाएगी, जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढें़गी। ऐसे में कर्जे के पहाड़ के नीचे दबी सरकार के पास अब और कर्जा लेने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बार-बार दिल्ली जाकर प्रदेश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का मामला रख रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब डबल इंजन के मोड में नहीं है। इसलिए सरकार के पास भी कर्जा लेने के सिवा कोई चारा नहीं है। अभिषेक ने चुटकी लेते हुए कहा कि केंद्र भले ही खस्ताहाल आर्थिक व्यवस्था पर प्रदेश सरकार की एक न सुन रहा हो, लेकिन इस बहाने सरकार की हवाई सैर का सिलसिला निरंतर जारी है। अभिषेक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाला वक्त महंगाई और महामारी से जूझ रही जनता के लिए काफी खराब साबित हो सकता है। क्योंकि सरकार के पास कोई चारा नहीं है और केंद्र कोई मदद करने को तैयार नहीं है।