अब NIT हमीरपुर में भर्तियों में भ्रष्टाचार, 98वें पायदान पर लुढ़की Ranking : राजेंद्र राणा

Edited By Vijay, Updated: 16 Jun, 2020 09:37 PM

now corruption in recruits in nit hamirpur

करीब 100 करोड़ रुपए सालाना बजट वाले एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग भर्तियों के भ्रष्टाचार के कारण 98वें पायदान पर जा पहुंची है। यह गंभीर आरोप राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने लगाया है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा है कि...

हमीरपुर (ब्यूरो): करीब 100 करोड़ रुपए सालाना बजट वाले एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग भर्तियों के भ्रष्टाचार के कारण 98वें पायदान पर जा पहुंची है। यह गंभीर आरोप राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने लगाया है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा है कि बीजेपी राज में चारों ओर चल रहे भ्रष्टाचार के बाद अब एनआईटी हमीरपुर भी इससे अछूता नहीं रहा है।

उन्होंने खुलासा किया है कि एनआईटी हमीरपुर में करीब 1 साल में 100 लोगों की भर्ती सिर्फ रिश्तेदारी व नजदीकी संबंधों के आधार पर की गई है, जिस कारण से एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग 13वें स्थान से लुढ़क कर 98वें स्थान पर जा पहुंची है। अगर आलम यही रहा तो आने वाले वक्त में एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग पिछड़कर 150वें रैंक तक जाने का खतरा मंडरा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 1 साल में सत्ता संरक्षण में चल रहे इस भर्ती घोटाले में करीब 100 लोग भर्ती किए गए हैं, जिनमें से 99 फीसदी संस्थान के मुखिया के गृह राज्य सें संबंधित हैं और उनमें से भी 66 फीसदी समुदाय विशेष के भर्ती किए गए हैं जबकि हद तो यह है कि इनमें से भी 10 फीसदी के करीब लोग रिश्तेदारी या क्लोज रिलेशन वाले भर्ती किए गए हैं। अगर योग्यता की बात करें तो इनमें से अधिकांश लोग ग्रैजुएट हैं और ग्रैजुएशन भी उन्होंने प्राइवेट इंस्टीच्यूशन से की है जोकि नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि इस तरह करीब 12 करोड़ रुपए का सालाना वित्तीय भार एनआईटी पर आया है और इसी भर्ती के कारण एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग भी पिछड़ी है।

उन्होंने कहा कि इस भर्ती घोटाले की जिम्मेदारी व जवाबदेही से स्थानीय सांसद अनुराग ठाकुर भी नहीं बच सकते हैं क्योंकि एनआईटी हमीरपुर को सीधे तौर पर केंद्र की मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डिवैल्पमैंट मंत्रालय देखती है। उन्होंने कहा कि एनआईटी का रैंकिंग में पिछड़ऩे का सबब सीधे तौर पर नियमों को ताक पर रख कर की गई भर्तियां बनी हैं क्योंकि एनआईटी हमीरपुर में पहले से तैनात 132 फैक्लटी ने जो रिसर्च पेपर किए थे अब नई भर्तियां होने के कारण ये रिसर्च पेपर ऐसे लोगों में भी बंटा है, जिन्होंने अभी तक कोई भी रिसर्च वर्क नहीं किया है।

उन्होंने गंभीर आरोप जड़ते हुए कहा कि इतना ही नहीं, अब जबकि लॉकडाऊन के कारण तमाम बच्चे घरों से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो ऐसे में 50 के करीब और भर्तियों का मसौदा एनआईटी हमीरपुर में तैयार किया गया है। ये भर्तियां भी बिना किसी जरूरत के जल्द ही होने की सूचना है। उन्होंने कहा कि अगर यह मामला यूं ही बदस्तूर चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब एनआईटी हमीरपुर में फैक्लटी के नाम पर संस्थान के आका के सगे संबंधियों की फौज ही मौजूद होगी।

उन्होंने कहा कि अगर यह 50 लोगों की भर्ती अब और होती है तो संस्थान पर 6 करोड़ रुपए सालाना का और वित्तीय भार लादा जाएगा जबकि रैंकिंग के मामले में एनआईटी हमीरपुर और पिछड़ता जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएचआरडी मंत्रालय इस भर्ती घोटाले की तुरंत जांच करे ताकि प्रदेश का एकमात्र एनआईटी भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ सके।

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