दवा कंपनियों से सांठ-गांठ करने वाले 400 डॉक्टरों को नोटिस जारी (Video)

Edited By Ekta, Updated: 05 Dec, 2018 05:33 PM

दवा कंपनियों से सीधी सांठ-गांठ करने पर प्रदेश के 400 डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिए हैं। अब दवा खरीदने वाले इन डॉक्टरों पर शीघ्र की उचित कार्रवाई होगी। यह बात स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने शिमला में बुधवार को आयोजित प्रैस मीट के दौरान पत्रकारों...

शिमला (जस्टा): दवा कंपनियों से सीधी सांठ-गांठ करने पर प्रदेश के 400 डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिए हैं। अब दवा खरीदने वाले इन डॉक्टरों पर शीघ्र की उचित कार्रवाई होगी। यह बात स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने शिमला में बुधवार को आयोजित प्रैस मीट के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। मंत्री ने कहा कंपनी से सीधे दवा खरीदने वाले डॉक्टरों की उनके पास शिकायत आई है। शायद डॉक्टर कंपनी से सीधी दवाइयां खरीदकर मरीजों को देते है और वे कंपनी से कमीशन लेते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे डॉक्टर को बिल्कुल भी बर्दाशत नहीं किया जाएगा। जल्द ही कमिशन खोरो का पर्दाफाश होगा। नोटिस देने के बाद अब जल्द ही 400 डॉक्टरों से पूछताछ होगी। इन पर गाज रिना अब तय है। 

हिमाचल में मरीजों के हितों में प्रदेश सरकार ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल में मरीजों के हितों में प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। जल्द ही हिमाचल में आयुर्वेदा एम्स खुलेंगा। एम्स खोलने को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। एम्स बनने के बाद हिमाचल के मरीजों को काफी लाभ मिलेंगा। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकृत परिवारों को 5 लाख वार्षिक बीमा कवर दिया जा रहा है। इस योजना से 22 लाख लोग लाभान्वित होंगे। यह योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। योजना के तहत अभी तक प्रदेश में 1450 मरीजों का पंजीकरण किया गया है, जिसमें 12.35 करोड़ की राशि शामिल है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान जांच व परीक्षण किए जाते हैं, ताकि गर्भावस्था के दौरान सही समय पर उच्च जोखिम की पहचान की जा सके और उसका इलाज किया जा सके। 

इस दौरान आयरन, कैल्सियम आदि की गोलियां भी प्रदान की जाती हैं। दिसंबर 2017 से अभी तक 63575 गर्भवती महिलाएं इस योजना से लाभाविंत हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कोष का गठन मुख्यमंत्री के बजट भाषण 2018-19 के अनुरूप किया गया है, जिसमें गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जाएगी। इस के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कार्डिक और कार्डियोथोरैसिक, शल्य चिकित्सा, जैनिटो यूरिनरी, शल्य चिकित्सा, न्यूरोसर्जरी, रेडिएशन, ऑनकॉलोजी, ट्रॉमा, रीढ़ की हड्डी की शल्य चिकित्सा सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, हिमोफिलिया, कैंसर जैसी गंभीर योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी।

चिकित्सकों के होंगे वॉक इन इंटरव्यू

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सकों के कुल स्वीकृत 2260 पदों में 1984 भरे हैं। वहीं 276 पद रिक्त पड़े है। नया बैच आने पर 14 दिसम्बर को टांडा तथा 17 दिसम्बर को शिमला में वॉक इन इंटरव्यू निर्धारित किए हैं। हिमाचल में चल रही चिकित्सकों की सारी कमी दूर होगी।

अस्पताल में निशुल्क मिलेगी बेबी किट

प्रदेश के अस्पतालों में शीघ्र ही बेबी किट मिलनी शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के अंतर्गत महिलाओं को नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए मुफ्त बेबी किट प्रदान की जाएगी। अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधाओं का सामन नहीं करना पड़ेगा।

कैंसर अस्पताल में जल्द स्थापित होगी लिनियर एक्सीलिटर मशीन

कैंसर अस्पताल में शीघ्र ही लिनियर एक्सीलिटर मशीन स्थापित होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने कैंसर अस्पताल में स्थापित होने वाले न्यू भवन का मामला एन.जी.टी. को भेजा है। जैसे एन.जी.टी. से मंजूरी मिलती है तो न्यू भवन बनाकर उसमें मशीन स्थापित की जाएगी। इसके लिए 45 करोड़ रूपए का बजट खर्च होगा। 45 करोड़ से मशीन और नया भवन बनाया जाएगा। 

यूनिवर्सल हैल्थ प्रोटेक्शन स्कीम का लाभ उठाए मरीज

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल में यूनिवर्सल हैल्थ स्कीम के तहत कार्ड बनाए जा रहे है। प्रदेश के मरीज इसका फायदा उठाए। इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण के लिए एक परिवार को अधिकतम पांच सदस्य पात्र एक हजार रूपये का प्रीमियम अदा करना होगा। नि:शुल्क इलाज की राशि को तीस हजार रूपए से बढ़ा कर पांच लाख रूपए प्रतिवर्ष कर दिया है। इस योजना में भी 175 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिसमें 151 सरकारी तथा 24 निजी अस्पतालों के अलावा पी.जी.आई. चंडीगढ़ को भी शामिल किया गया हैं।

शिशु मृत्यु दर में आई कमी

नवजात शिशु मृत्यु दर तथा 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में प्रदेश में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है और यह पूरे भारतवर्ष में सर्वश्रेष्ठ पाई गई। प्रदेश में मृत्यु दर में यह कमी नवजात शिशु मृत्यु दर में 15.8 प्रतिशत तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 18.2 प्रतिशत दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश असंक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए दूसरे स्थान पर रहा, जिसे कि पूरे भारत में सराहा गया।

योग का फायदा उठाए प्रदेशवासी

योग क्रिया को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में अंतर राष्ट्रीय योग दिवस की विशेष पहल की है। इसके अंतर्गत हर वर्ष 21 जून को प्रात: काल सार्वजनिक स्थलों में बड़े स्तर पर योगा यास एवं प्राणायाम करवाया जाता है। 101 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष योग क्लीनिक आरंभ किए गए, जिसमें प्रत्येक शुक्रवार को प्रात: 9:30 से 11:30 बजे तक लोगों को रोग संबंधित योग निशुल्क सिखाया जा रहा है। इस योजना की सफलता को देखकर अब इसे 370 और अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू कर दिया गया है और अब तक लगभग 20 हजार से अधिक लोग इससे लाभाविंत हुए हैं।


 

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