NGT के आदेशों को चुनौती देने में कछुआ चाल से आगे बढ़ रही सरकार

Edited By Ekta, Updated: 15 Oct, 2018 11:18 AM

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नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को चुनौती देने में सरकार कछुआ गति से चल रही है। एन.जी.टी. द्वारा हिमाचल की रिव्यू पिटिशन खारिज करनेके 90 दिन बाद भी राज्य सरकार हाईकोर्ट में रिट याचिका नहीं डाल पाई, जबकि प्रदेश के 30 हजार से ज्यादा अवैध भवन मालिकों...

शिमला (हेटा): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को चुनौती देने में सरकार कछुआ गति से चल रही है। एन.जी.टी. द्वारा हिमाचल की रिव्यू पिटिशन खारिज करनेके 90 दिन बाद भी राज्य सरकार हाईकोर्ट में रिट याचिका नहीं डाल पाई, जबकि प्रदेश के 30 हजार से ज्यादा अवैध भवन मालिकों तथा शिमला प्लानिंग एरिया में प्लाट लेने वाले सैंकड़ों लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। इन लोगों को राहत केवल हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट से ही मिल सकती है लेकिन राज्य सरकार एन.जी.टी. के आदेश आने के 11 माह से लोगों को राहत नहीं दिला पाई है। शिमला के प्लानिंग एरिया में सैकड़ों लोगों ने अपने जीवनभर की जमा पूंजी से प्लाट खरीद रखे हैं लेकिन नगर निगम शिमला लोगों के नक्शे पास नहीं कर रहा। इससे पहले भी राज्य सरकार ने एन.जी.टी. में रिव्यू पिटिशन डालने में लगभग 150 दिन का वक्त लगाया था।

शिमला में मकान का नक्शा पास न होने से लोग निर्माण कार्य शुरूनहीं कर पा रहे। सूत्रों की मानें तो एम.सी. के पास ही 800 से ज्यादा नक्शे लंबित हैं जबकि शिमला के प्लानिंग एरिया में करीब 4500 लोग नक्शा पास करवाने के लिए कोर्ट से राहत की बाट जोह रहे हैं। एन.जी.टी. ने बीते साल 16 नवम्बर को शिमला के कोर और ग्रीन एरिया में निर्माण पर पूर्णत: रोक लगा रखी थी। एन.जी.टी. के आदेशानुसार शिमला में अब 35 डिग्री से अधिक के ढलान पर रोक, अढ़ाई मंजिल से अधिक ऊंचे मकान पर पाबंदी और मकान के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दे रखे हैं। देरी के पीछे सरकार कानूनी राय लेने का तर्क दे रही है जबकि यह कानूनी राय पूर्व वीरभद्र सरकार में ही विधि सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अढ़ाई सप्ताह के भीतर दे दी थी।   

कानूनी राय के बाद लिया फैसला
कानूनी राय लेने के बाद राज्य सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट में रिट डालने का फैसला लिया है। भारतीय संविधान के अनुछेद 226-ए में रिट याचिका डालने का प्रावधान है। हाईकोर्ट से राहत न मिलने की सूरत में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में एन.जी.टी. के आदेशों को चुनौती देगी।

टी.सी.पी. के पास 8782 आवेदन
टी.सी.पी. महकमे के पास प्रदेशभर के 8782 लोगों ने अपने अवैध आशियाने को रैगुलर करने को आवेदन कर रखा है। इसी तरह सैकड़ों लोगों ने प्रदेश के 51 नगर निकाय समेत साडा के पास भी अवैध भवन रैगुलर करने के लिए आवेदन कर रखा है। नगर निगम शिमला के पास भी करीब 3500 लोगों ने अवैध भवनों के नियमितीकरण के लिए आवेदन जमा कर रखे हैं।

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