NCFSE पर नियामक आयोग ने लगाया 34 लाख का जुर्माना, जानिए क्या है मामला

Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2022 10:12 PM

ncfse fined rs 34 lakh by regulatory commission

नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स करवाने के मामले में हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल पर 34 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही हिमाचल में चल रहे एनटीटी संस्थानों की जांच करने के आदेश भी दिए हैं।

शिमला (अभिषेक): नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स करवाने के मामले में हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल पर 34 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही हिमाचल में चल रहे एनटीटी संस्थानों की जांच करने के आदेश भी दिए हैं। नियामक आयोग की जांच में सामने आया है कि एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल ने नैशनल काऊंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से मान्यता नहीं ली थी। इस ग्रुप ने हिमाचल में 17 में से 8 एनटीटी संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया था और मान्यता दी है, ऐसे में नियामक आयोग ने मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई अमल में लाई है। इस मामले की सुनवाई बीते मंगलवार को हुई थी और सुनवाई के बाद आयोग ने इस मामले को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को नियामक आयोग ने मामले को लेकर अपना फैसला सुनाया। इसके तहत नियामक आयोग ने एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल पर 34 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग को हिमाचल में चल रहे एनटीटी संस्थानों की जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ आयोग ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग को संबंधित ग्रुप पर कानूनी कार्रवाई अमल लाने के आदेश भी दिए।

8 शिक्षण संस्थानों को एनटीटी करवाने के लिए दे दी मान्यता 
आयोग की जांच में सामने आया है कि एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल को केवल स्किल डिवैल्पमैंट के कोर्सिज करवाने की मान्यता मिली है और वे एनटीटी करवाने के लिए संस्थानों को मान्यता नहीं दे सकता है। बावजूद इसके इस ग्रुप ने हिमाचल के 8 शिक्षण संस्थानों को एनटीटी करवाने के लिए मान्यता दी। आयोग ने मामले की सुनवाई के बाद ऐसे संस्थानों से एनटीटी के संदर्भ में विद्यार्थियों के डिग्री/सर्टीफिकेट रद्द करने के आदेश दिए। इसके साथ विद्यार्थियों से वसूली फीस भी 9 प्रतिशत ब्याज के साथ रिफंड करने के आदेश दिए। जांच में सामने आया है कि 8 शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों से कुल 17 लाख रुपए से अधिक फीस वसूली है। प्रत्येक विद्यार्थी से 24 से 27 हजार रुपए फीस ली गई थी जोकि अब ब्याज सहित रिफंड करनी होगी।

नियामक आयोग के पास शिकायतें आने के बाद शुरू हुई थी जांच 
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्री-प्राइमरी के पदों पर एनटीटी की 4 हजार भर्तियां होनी हैं लेकिन इस बीच नियामक आयोग को शिकायतें मिली थीं कि कुछ संस्थाएं प्रदेश में एनटीटी कोर्स करवा रही है और इसकी एवज में भारी-भरकम फीस भी ले रही है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के पास एनसीएफएसई संस्थान की शिकायत पहुंची थी और अब यह कार्रवाई आयोग की ओर से अमल में लाई गई है।

क्या कहते हैं नियामक आयोग के चेयरमैन 
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतुल कौशिक ने कहा कि नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स करवाने के लिए एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल के पास मान्यता नहीं है। ऐसे में यह ग्रुप हिमाचल में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग संस्थानों को मान्यता नहीं दे सकता है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल को 34 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और हिमाचल के 8 एनटीटी संस्थानों से यह कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के सर्टीफिकेट रद्द करने व उनकी फीस रिफंड करने के भी आदेश दिए हैं।

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